Punjab
kisan andolan delhi chalo march today farmers not ready with government promise – India Hindi News – दिल्ली की ओर निकले किसान, पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से कूच; बोले
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फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने समेत 12 मांगों को लेकर आंदोलन पर उतरे किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बनी है। अब किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया है। किसानों के जत्थे पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने हा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है और हम पर आरोप लगते हैं कि हम सड़कें जाम करते हैं। आप देख लीजिए कि सड़कों पर दीवारें खड़े करके रास्ते तो सरकार ने ही रोके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा भारत के राज्य नहीं हैं बल्कि अलग-अलग देश हैं।
किसान नेता ने कहा कि हमारी लंबी बात केंद्र सरकार के मंत्रियों पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा से हुई है। इस दौरान मंत्रियों किसानों पर लगे मुकदम हटाने की बात कही है। कुछ और बातें भी मान ली हैं। लेकिन किसान और मजदूर के कर्ज माफ करने और MSP पर गारंटी वाले कानून पर सहमति नहीं बनी है। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि मंत्रियों ने वार्ता के दौरान कहा कि हम एमएसपी को लेकर कमेटी बना देंगे। हमारी इससे असहमति है। आखिर इस मामले में कमेटी बनाने की क्या जरूरत है। आपकी सरकार है, सीधे नोटिफिकिशेन जारी किया जाए।
LIVE: किसान आंदोलन की हुंकार से रुकी रफ्तार, सभी बॉर्डरों पर लंबा जाम
इसके अलावा कर्जमाफी को लेकर सरकार का कहना था कि हम देखेंगे कि कितना कर्ज है। इस पर भी सरकार पहले ऐलान करे और फिर आगे प्रक्रिया करती रहे। पंढेर ने आरोप लगाया कि हरियाणा में किसानों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्हें धमकी दी जा रही है कि आंदोलन में न जाएं वरना उनके बच्चों को पढ़ने नहीं दिया जाएगा। उनकी नौकरी पर असर होगा। इसके अलावा पासपोर्ट भी वापस लेने की धमकी दी जा रही है। किसान नेताओं ने कहा कि एमएसपी को लेकर दो सालों से कमेटी बनाने की बात हो रही है। अब हमें ऐसी बातों पर यकीन नहीं है। इस तरह की वादे सिर्फ हमारे आंदोलन को टालने के लिए हो रहे हैं।
मीडिया से अपील- हम किसी पार्टी के नहीं, किसान और मजदूर के साथ
किसान नेताओं ने इस बीच मीडिया से भी अपील की है कि उनके आंदोलन को राजनीतिक न कहा जाए। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस से जुड़े नहीं हैं। हमारा लेफ्ट से भी कोई तालमेल नहीं है। कांग्रेस के राज में भी किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ। अब भी नहीं हो रहा है। हम न तो भाजपा के खिलाफ हैं और न ही कांग्रेस के। हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया जाए। हम देश के ही किसान हैं और हम किसान एवं मजदूर की आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।