Uttarakhand

Kedarnath By-Election: भाजपा की रणनीति रही सफल, कांग्रेस मंदिर के चक्रव्यूह में फंसी, ये पांच कारण बने जीत की कुंजी।

Published

on


देहरादून – केदारनाथ उपचुनाव सिर्फ एक विधानसभा सीट की लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा और विचारधारा के लिए भी महत्वपूर्ण था। बदरीनाथ में हार के बाद भाजपा को वैचारिक मोर्चे पर रक्षात्मक स्थिति में आना पड़ा था, और पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि ऐसी स्थिति फिर से उत्पन्न न हो। इस कारण, भाजपा ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंकी।

शनिवार को 54 हजार से अधिक मतदाता वाली केदारनाथ विधानसभा की जनता ने अपना जनादेश दिया, और भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को अपना विधायक चुना। इसके साथ ही भाजपा ने केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक फिर से दोहराया।

पिछले तीन महीने से उपचुनाव की तैयारी में जुटे सियासी दलों ने 17 दिन तक धुआंधार प्रचार किया, जिसका परिणाम भाजपा के पक्ष में आया। भाजपा ने अपने प्रचार अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी और जनता के बीच सकारात्मक माहौल बनाने में सफलता प्राप्त की। वहीं, कांग्रेस ने केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन इस मुद्दे में वह खुद ही फंस गई और इसे सही तरीके से संभालने में नाकाम रही।

भाजपा की जीत के बड़े कारण
1. चुनावी प्रबंधन में रणनीतिकारों का उतारना: चुनाव की घोषणा से करीब तीन महीने पहले भाजपा ने चुनावी प्रबंधन के रणनीतिकारों को मैदान में उतार दिया था। युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने लगातार प्रचार किया।

2. सीएम की पूरी ताकत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए योजनाओं की स्वीकृति दी और चुनाव प्रचार में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए।

3. भाजपा की ताकत: प्रदेश और केंद्र में सरकार, केदारनाथ से प्रधानमंत्री मोदी का जुड़ाव, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारियों का प्रचार भाजपा की ताकत बनी।

4. महिला प्रत्याशी पर भरोसा: महिला मतदाता बहुल क्षेत्र में भाजपा ने महिला चेहरे आशा नौटियाल पर दांव खेला। भाजपा को विश्वास था कि महिला प्रत्याशी पर भरोसा करना सही साबित होगा और उन्होंने महिला उम्मीदवार की जीत का मिथक दोहराया।

5. केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास मामला: दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास भाजपा के लिए कमजोर पक्ष था, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इसे बड़ी सूझबूझ से संभाला और जनता की नाराजगी को दूर किया।

#KedarnathByElection #AshaNautiyal #BJP #CMDhami #KedarnathTemple #ElectionCampaign #WomenCandidate #ElectionVictory #PoliticalStrategy #UttarakhandNews #BJPWin #Election2024 #CongressFailure #BJPStronghold




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version