Connect with us

Delhi

ISRO का वाणिज्यिक मिशन: प्रोबा-3 के लॉन्च में क्या हैं चुनौतियां और क्यों यह है खास?

Published

on

ISRO का वाणिज्यिक मिशन: प्रोबा-3 के लॉन्च में क्या हैं चुनौतियां और क्यों यह है खास?



नई दिल्ली – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का प्रोबा-3 उपग्रह आज शाम 4:08 बजे प्रक्षिप्त किया जाएगा। यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है, जो न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) द्वारा किया जा रहा है। यह मिशन ISRO की वाणिज्यिक शाखा द्वारा अंतरिक्ष यानों को प्रक्षिप्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

ISRO ने बुधवार को इस संबंध में कहा, “आज पीएसएलवी-सी59 का लिफ्टऑफ होगा, जो यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 उपग्रह को कक्षा में भेजेगा। इस मिशन के साथ ISRO के इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता और NSIL के सहयोग को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का प्रतीक है।”

प्रोबा-3 मिशन क्या है?

प्रोबा-3 मिशन, जिसमें दो उपग्रह होंगे, सूर्य के बाहरी वायुमंडल का अध्ययन करेगा। इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान एक साथ उड़ान भरेंगे और एक साथ सूर्य के कोरोना (सूर्य की बाहरी परत) का अध्ययन करेंगे। यह दुनिया का पहला मिशन है जिसमें इस प्रकार की तकनीकी विशेषताएं हैं।

मिशन की तैयारी

ISRO ने इस मिशन के लिए अपने प्रसिद्ध रॉकेट पीएसएलवी का चयन किया है, जो 61वीं बार उड़ान भरने जा रहा है। 44.5 मीटर लंबा पीएसएलवी रॉकेट लगभग 18 मिनट के बाद 550 किलोग्राम वजनी प्रोबा-3 उपग्रहों को अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित करेगा।

मिशन की चुनौतियां

प्रोबा-3 मिशन के दौरान उपग्रहों को एक अत्यधिक अंडाकार कक्षा में स्थापित करना होगा, जो ISRO के पीएसएलवी रॉकेट की विश्वसनीयता को और भी मजबूत करेगा। यूरोपीय एजेंसी का उद्देश्य सूर्य के वायुमंडल की बाहरी और सबसे गर्म परत, सौर कोरोना का अध्ययन करना है।

कृत्रिम सूर्यग्रहण का अध्ययन

इस मिशन में कृत्रिम सूर्यग्रहण की स्थिति बनाई जाएगी ताकि सूर्य के कोरोना का अध्ययन किया जा सके। इसमें एक उपग्रह सूर्य को छिपाएगा, जबकि दूसरा उपग्रह कोरोना का निरीक्षण करेगा।

द्वि-वर्षीय मिशन

यह मिशन दो साल तक चलेगा और इसमें वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इस मिशन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसमें दो सैटेलाइट एक साथ प्रक्षिप्त किए जाएंगे और इनका सही तालमेल जरूरी होगा। यदि यह मिशन सफल रहता है, तो यह भविष्य में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगा।

#ISRO #Proba3Mission #PSLV #EuropeanSpaceAgency #TechnologyMission #SpaceExploration #IndiaSpaceMission #NSIL #SolarCorona #SatelliteLaunch #InternationalCollaboration #SpaceResearch





Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement