Punjab
Internet service banned in seven districts of Punjab Navjot Sidhu said What is a bigger lie in the world than doubling MSP and income – पंजाब के सात जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक, नवजोत सिद्धू बोले

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चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की बातचीत से पहले पंजाब के सात जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब के सात जिलों में 24 फरवरी तक इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में पटियाला के शंभू, जुल्का, पासियां, पातडां, घन्नौर, देवीगढ़, मोहाली के लालड़ू, बठिंडा का संगत, मानसा का सरदूलगढ़, बोहा, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर के खनौरी, मूनक, लहरा, सुनाम, छांजली और श्री मुक्तसर साहिब के किलियांवाली इलाकों में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित रहेंगी। किसान नेता आपस में बात करते के लिए वॉकीटॉकी का प्रयोग कर एक दूसरे से संपर्क करते दिख रहे हैं।
वहीं, रविवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने किसान प्रदर्शन का समर्थन किया है। उन्होंने किसानों की दोगुना आय को लेकर किए गए वादों पर केंद्र सरकार को घेरा। सिद्धू ने पटियाला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यहां पर उन्होंने कहा कि मैं ये बताना चाहता हूं कि जब भी देश में अनाज की क्रांति उभरी है, तो वो पंजाब-हरियाणा से ही उभरी है। उन्होंने कहा कि किसानों को कहा गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और आय को दोगुना कर दिया जाएगा। इससे बड़ा झूठ दुनिया में क्या है?
‘सरकार 40 रुपये बढ़ाकर, 400 रुपये लेती है’
सिद्धू ने कहा कि 2013 में डीजल 38 रुपये लीटर था और पिछले कुछ सालों में डबल से ऊपर हो गया है। इन सब चीजों से इनपुट कोस्ट कितनी ज्यादा बढ़ गई है और किसान की एमएसपी सिर्फ 40 रुपये बढ़ी है। सरकार किसानों के लिए 40 रुपये बढ़ाकर 400 रुपये इनपुट कोस्ट के नाते वापस ले लेती है। पिछले कुछ सालों में किसानों की लागत बढ़ गई है और किसान की कमाई कम हुई है। जब से बीजेपी सरकार बनी है, तब से सरसों का तेल दोगुना हो गया है। गैस सिलिंडर का दाम देखिए कितना ज्यादा बढ़ा गया है। कि गरीब के लिए हर चीज महंगी होती जा रही है।
‘मान की मध्यस्थता पर पंजाब भाजपा अध्यक्ष को ऐतराज’
किसानों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मध्यस्थता पर पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सवाल उठाए हैं। जाखड़ ने भगवंत मान का नाम लिए बिना कहा कि बातचीत में मध्यस्थता करने वालों के निहित स्वार्थ हैं और उन्हें मुद्दों को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थों ने खुद सत्ता में आने पर फसलों पर एमएसपी देने का वादा किया था। वहीं, किसानों को दिल्ली मार्च से रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था को उन्होंने सही ठहराया। उन्होंने कहा कि किसानों में कुछ उपद्रवी लोग मिलकर हिंसा कर रहे हैं।
रिपोर्ट: मोनी देवी