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धनकुबेर निकला IAS राजेंद्र विजय, 16 बैंकों में खाता; 11 किलो चांदी और 13 भूखंड

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एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि राजेंद्र विजय का टोंक रोड पर आलिशान मकान है। Zudio व्यावसायिक शोरूम नंबर 7, ग्राउंड फ्लोर, जीटी गलेरिया, अशोक मार्ग, सी-स्कीम भी राजेंद्र विजय का है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानWed, 2 Oct 2024 03:20 PM
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राजस्थान के वरिष्ठ आईएएस राजेंद्र विजय धनकुबेर निकला है। राजेंद्र विजय के ठिकानों पर एसीबी की छापेमारी में 13 व्यावसायिक और आवासीय भूखंड के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा नकद, बैंक खातों में लाखों रुपये और बैंक लॉकर भी मिला है। उनके ठिकानों से 335 ग्राम सोने और 11.800 किलो चांदी के आभूषण और तीन चौपहिया वाहन भी मिले हैं। बीमा पॉलिसियों में भी निवेश किया गया है। एक बैंक लॉकर भी मिला है, जिसकी तलाशी ली जानी बाकि है। एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि राजेंद्र विजय का टोंक रोड पर आलिशान मकान है।

 Zudio व्यावसायिक शोरूम नंबर 7, ग्राउंड फ्लोर, जीटी गलेरिया, अशोक मार्ग, सी-स्कीम भी राजेंद्र विजय का है।एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर आईएएस अधिकारी और कोटा के संभागीय आयुक्त राजेंद्र विजय के जयपुर, कोटा और दौसा स्थित चार ठिकानों पर एसीबी की टीमों ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारकर तलाशी अभियान चलाया था। उनके खिलाफ एक गोपनीय शिकायत एसीबी को मिली थी, जिसमें खुद और परिजनों के नाम पर भ्रष्टाचार के साधनों से वैध आय से अधिक चल-अचल संपत्तियां अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। इस सूचना का एसीबी की इंटेलिजेंस शाखा द्वारा गोपनीय रूप से सत्यापन किया गया और तथ्यों की पुष्टि होने के बाद आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया।

एसीबी जयपुर के डीआईजी कालूराम रावत के सुपरवीजन में अनुसंधान अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में न्यायालय से तलाशी वारंट लेकर तलाशी अभियान चलाया गया। एसीबी कोटा के एएसपी विजय स्वर्णकार, एएसपी मुकुल शर्मा और और दौसा के उपाधीक्षक नवल किशोर मीणा की विभिन्न टीमों ने बुधवार अलसुबह एक साथ राजेंद्र विजय के जयपुर, कोटा और दौसा स्थित 4 ठिकानों पर तलाशी ली।

प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार राजेंद्र विजय द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपये की कीमत की कई चल-अचल परिसंपत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि राजेंद्र विजय और परिजनों द्वारा कई बेनामी संपत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जा रही है। एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में उनके ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी अग्रिम अनुसंधान कर रही है।

आईएएस अधिकारी राजेंद्र विजय कोटा संभागीय आयुक्त थे। बुधवार अलसुबह उनके चार ठिकानों पर एसीबी की छापेमारी के बाद उन्हें एपीओ कर दिया गया है। राजेंद्र विजय ने 25 सितंबर को ही कोटा के संभागीय आयुक्त के पद पर कार्यभार संभाला था। उनके जयपुर में टोंक रोड (तारों की कूट) स्थित मकान, कोटा के सरकारी आवास व दफ्तर और दौसा के दुब्बी स्थित पैतृक मकान पर आज एसीबी की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी कर तलाशी अभियान चलाया है।



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