Uttar Pradesh
मॉस्को में खुलेगा आजमगढ़ के ओडीओपी उत्पाद का स्टोर और शोरूम, ब्लैक पॉटरी बढ़ाएगी शान, उत्तर प्रदेश न्यूज़
आजमगढ़ जिले के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी अब रूस में भी लोगों के घरों की शोभा बढ़ाएगी। ब्लैक पॉटरी की कलाकृतियां रूस के सार्वजनिक भवनों की भी पहचान बनेंगी। शीघ्र ही रूस के मॉस्को शहर में ओडीओपी उत्पादों का स्टोर और शोरूम खुलने जा रहा है।
आजमगढ़ जिले के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी अब रूस में भी लोगों के घरों की शोभा बढ़ाएगी। ब्लैक पॉटरी की कलाकृतियां रूस के सार्वजनिक भवनों की भी पहचान बनेंगी। शीघ्र ही रूस के मॉस्को शहर में ओडीओपी उत्पादों का स्टोर और शोरूम खुलने जा रहा है। निजामाबाद कस्बे की प्रसिद्ध ब्लैक पॉटरी इस शोरूम का प्रमुख उत्पाद होगी। हाल में ही रूस की राजधानी मॉस्को में रूसी सरकार के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल रहा। इसे लेकर जल्द ही रूस का एक प्रतिनिधिमंडल निजामाबाद का दौरा करने वाला है।
केंद्र सरकार से इसकी जानकारी मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। उद्योग विभाग की तरफ से रूसी प्रतिनिधिमंडल के दौरे को देखते हुए ब्लैक पॉटरी के सबसे बेहतर उत्पादों को तैयार कराया जा रहा है। इन कलाकृतियों को रूस के प्रतिनिधिमंडल के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के यह तय होगा कि रूस में खुलने वाले स्टोर और शोरूम के लिए ब्लैकपॉटरी के कौन-कौन से उत्पाद यहां से भेजे जाएंगे। उद्योग विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ब्लैक पाटरी की सजावट से जुड़ी कलाकृतियों को लेकर रूस के लोगों में क्रेज ज्यादा है।
इसके अलावा ब्लैक पाटरी के बर्तन भी खासतौर पर भेजे जाएंगे। ब्लैक पॉटरी कारोबार से जुड़े शिल्पियों का कहना है कि अभी सजावट से जुड़ीं कलाकृतियों और बर्तन से जुड़े उत्पाद तैयार करने के लिए कहा गया है। ब्लैक पॉटरी शिल्पी सोहित प्रजापति ने बताया कि अफसरों ने जानकारी दी है। रूस में यहां से ब्लैक पॉटरी से जुड़ीं कलाकृतियां भेजी जाएंगी। वहां शोरूम खुलने से हमारे कारोबार में बढ़ोतरी होगी। ब्लैक पाटरी को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।
तीन सौ साल से भी पुरानी है निजामाबाद की ब्लैक पाटरी कला
निजामाबाद की ब्लैक पाटरी कला तीन सौ साल से भी अधिक पुरानी है। यह मुगलकाल की खास विधाओं में शामिल रही। औरंगजेब के शासनकाल में ब्लैक पाटरी के शिल्पी गुजरात से आकर निजामाबाद में बस गए थे। तब से यहीं के होकर रह गए। काले रंग के बने मिट्टी के बर्तन और कलाकृतियों को ब्लैक पॉटरी उद्योग के नाम से जाना जाता है। निजामाबाद कस्बे में ब्लैक पॉटरी उद्योग से लगभग 70 परिवार जुड़े हैं। इसके अलावा दो दर्जन परिवार अप्रत्यक्ष रूप से भी इस उद्योग से जुड़कर मिट्टी, पैकेजिंग, सप्लाई आदि का काम करते हैं। आम दिनों में ब्लैक पॉटरी से जुड़े शिल्पी लगभग दो करोड़ रुपये सालाना का व्यवसाय कर लेते हैं।
इन्हें मिली राष्ट्रीय पहचान
ब्लैक पाटरी कला से जुड़े कलाकारों को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। ब्रिटिश सरकार में नोहर राम, मुन्नालाल और झींगुर राम को सम्मान मिला। आजादी मिलने के बाद राजेंद्र प्रसाद प्रजापति, कल्पा देवी, रामजतन प्रजापति, सोहित प्रजापति को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है। शिवरतन, शिवजतन, शीतला प्रसाद, बाबूलाल प्रजापति, रामलाल, बृजलाल, रामनवमी, पुष्पा देवी, सरिता, बैजनाथ प्रजापति आदि को स्टेट अवार्ड प्राप्त हो चुका है।
दो दर्जन से अधिक देशों में है इसकी मांग
यहां के बने बर्तन देश ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर हैं। कस्बे से ब्लैक पाटरी की सप्लाई अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, पूना सहित अन्य शहरों में होती है। इसके अलावा यहां तैयार किए मिट्टी के बर्तन ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, अमेरिका, जापान समेत दो दर्जन से अधिक देशों में भेजे जाते हैं। विदेश में रहने वाले प्रवासी भारतीयों के बीच भी यह खासी लोकप्रिय है। उत्तर प्रदेश में आने वाले सरकारी अतिथियों को भी सरकार की तरफ से उपहार स्वरूप ब्लैक पाटरी की कलाकृतियां भेंट की जाती हैं।
इनका कहना हैजिला उद्योग उपायुक्त एसएस रावत का बताया कि रूस में जल्द ओडीओपी का स्टोर और शोरूम खुलने जा रहा है। इसमें ब्लैक पाटरी की कलाकृतियां विशेष रूप से रखी जाएंगी। इसके लिए रूस का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द निजामाबाद का दौरा करने वाला है।