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AI के खिलाफ कानून बनाने पर पहली बार राजी हुआ यूरोपियन यूनियन, भारत में भी जल्द आ सकता कानून। 

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नई दिल्ली – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शुरुआत में जितना मनमोहक था अब उतना ही खतरनाक हो गया है। AI से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत दुनिया के कई देश परेशान हैं। AI के फायदे तो हैं लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल गलत कार्यों में हो रहा है। पूरी दुनिया में लंबे समय से इसे रेगुलेट करने की बात हो रही थी लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई कानून नहीं बना है।

अब यूरोपियन यूनियन AI के खिलाफ कानून बनाने पर राजी हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन यूनियन ने पहली बार कानून बनाने के लिए हामी भरी है। यदि यूरोपियन यूनियन एआई को लेकर कोई कानून बनाता है तो ऐसा पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार होगा जब एआई कानून के दायरे में आएगा।

इसे एआई अधिनियम (AI Act) कहा जाएगा जो कि एआई के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास और जोखिमों को कंट्रोल करेगा। यह कानून हानिकारक एआई प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाता है जिसमें लोगों की सुरक्षा, आजीविका और अधिकार शामिल हैं।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला ने कानून को लेकर कहा कि एआई के तेजी से बढ़ते दुरूपयोग को रोकने के लिए कानून का होना जरूरी है। आपको याद दिला दें कि एआई के खिलाफ कानून को लेकर 2021 में ही प्रस्तावना दी गई थी।

कानून के आने के बाद इसके दायरे में ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट आ जाएंगे। इसके अलावा गूगल बार्ड, जेमिनी और मेटा के इमेजिन को भी इस कानून का सामना करना होगा। भारत में भी डीपफेक को लेकर जल्द ही कोई कानून आ सकता है।

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