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100 से ज्यादा फर्जी कंपनियां, 110 करोड़ की टैक्स चोरी; गुजरात के बाद गाजियाबाद में GST फ्रॉड

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गुजरात में 200 से ज्यादा फर्जी कंपनियों ने फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ के जरिए सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। अब गाजियाबाद में भी केंद्रीय माल एवं सेवाकर (सीजीएसटी) की टीम ने गुरुवार को फर्जी फर्म के जरिए 110 करोड़ रुपये टैक्स चोरी का खुलासा किया है।

गुजरात में 200 से ज्यादा फर्जी कंपनियों ने फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ के जरिए सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। अब गाजियाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। केंद्रीय माल एवं सेवाकर (सीजीएसटी) की टीम ने गुरुवार को फर्जी फर्म के जरिये 621 करोड़ रुपये के सामान की कागजी खरीद-फरोख्त कर 110 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) वसूलने का खुलासा किया है।

मामले में सीजीएसटी टीम ने दो फर्जी फर्म संचालक और अवैध आईटीसी वसूली के मास्टरमाइंड गौरव तोमर के अलावा एक अन्य आरोपी छत्रपाल शर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने सौ अधिक फर्जी फर्म बना रखी थीं। केंद्रीय माल एवं सेवाकर टीम ने फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के खिलाफ अभियान चला रखा है। इसके तहत टीम को फर्जी कंपनियों के पंजीकरण कराकर कागजी खरीद-फरोख्त और आईटीसी वसूली करने वालों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली।

आयुक्त संजय लवानिया ने बताया कि कर अपवंचन शाखा ने गाजियाबाद के चंदर नगर स्थित देविका टावर के पते पर पंजीकृत मैसर्स एएनवीएस ट्रेडर्स नामक फर्म की जांच कराई। जांच के दौरान 110 करोड़ रुपये के आईटीसी क्लेम की जानकारी विभाग को मिली है। उन्होंने बताया कि दो वर्षों में सामान और सेवाओं का वास्तविक उत्पादन किए बिना फर्म ने 621 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए।

उन्होंने बताया कि 100 से अधिक फर्जी फर्म बनाकर 110 करोड़ के आईटीसी का लाभ लिया गया। इन फर्म का संचालन छत्रपाल शर्मा कर रहा था। उसने पत्नी आशा देवी के नाम पर जीएसटी का पंजीकरण करा रखा था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गौरव तोमर फर्जी फर्मों के पंजीकरण और प्रबंधन का रैकेट चला रहा था। गौरव मामले में बोगस फर्म के माध्यम से आईटीसी वसूलने का मास्टरमाइंड है। जांच के दौरान सीजीएसटी की टीम में अपर आयुक्त आलोक सिंह, संयुक्त आयुक्त अरुण कुमार द्विवेदी और निहारिका लाखा शामिल रहे।

एक ही जीएसटी नंबर पर कई फर्म बनाईं

आयुक्त संजय लवानिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक ही जीएसटी नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाते और पेन कार्ड पर 100 से अधिक फर्जी फर्म पंजीकृत कराई गई थीं, जिनके माध्यम से इस पूरे रैकेट को चलाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि मामले में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं, जिनकी जांच करने के बाद टैक्स चोरी की पूरी जानकारी मिल सकेगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

दोनों आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी

सीजीएसटी टीम गौरव तोमर और छत्रपाल शर्मा को गिरफ्तार कर मेरठ ले गई है। वहां से दोनों को जेल भेजने की तैयारी है। इस पूरे मामले में सीजीएसटी ने करीब तीन माह तक कंपनियों के बोगस बिल और आईटीसी की जांच की थी, जिससे पूरे मामले का खुलासा हो सका है। हालांकि, जांच अब भी चल रही है।

आवास से कई दस्तावेज मिले

सूत्रों का कहना है कि सीजीएसटी टीम ने मास्टरमाइंड गौरव तोमर के आवास पर भी जांच की है। इस दौरान मास्टरमाइंड के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि उसने कई फर्जी कंपनियां पंजीकृत करा रखी थी। साथ ही, मोबाइल नंबर, ई मेल, ईवे बिल आदि की भी जांच की जा रही।



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