Uttar Pradesh

AIIMS गोरखपुर में बाहर से आएंगे डॉक्‍टर, 1 दिन का मिलेगा 5 हजार; कमी दूर करेंगे विजिटंग कंसल्‍टेंट

Published

on


AIIMS Gorakhpur News: एम्स गोरखपुर में जल्द ही डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। एम्स में बाहर (विजिटिंग कंसल्टेंट) से डॉक्टर आएंगे। इसके लिए उन्हें प्रतिदिन का पांच हजार रुपये एम्स प्रशासन देगा। विजिटिंग कंसल्टेंट के तौर पर डॉक्टरों को बुलाने की सहमति एम्स प्रशासन ने ली है। उम्मीद की जा रही है कि सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टर भी एम्स को मिल सकते हैं।

एम्स में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा शुरू से ही छाया रहा है। 182 पदों के सापेक्ष अभी भी करीब 132 डॉक्टरों की तैनाती है। सुपर स्पेशियलिटी की बात करें तो यहां पर कुछ ही विभाग चलाए जा रहे हैं लेकिन उनमें भी एक से दो ही डॉक्टर है। विभाग की बात करें तो कार्डियोलॉजी में दो डॉक्टर हैं। इनमें केवल एक डॉक्टर ही अभी इलाज कर रहे हैं। गैस्ट्रोएनटोलजी में एक डॉक्टर मिले हैं, जो अभी मरीजों को देख नहीं रहे हैं। न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट जैसे विभागों के डॉक्टर ही नहीं मिले हैं।

इसकी वजह से इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज एम्स में नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए एम्स के नए कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने यह फैसला लिया है कि बाहर से विजिटिंग कंसल्टेंट के तौर पर डॉक्टरों को एम्स में बुलाया जाएगा। इसके बदले उन्हें प्रतिदिन पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। इसकी शुरुआत इसी माह से की जाएगी। इस पहल के बाद से मरीजों को एम्स में सभी विभागों में इलाज मिल सकेगा।

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। एम्स में एमबीबीएस-2024 बैच के शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन मंगलवार को एम्स के ऑडिटोरियम में हुआ। कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने समारोह का उद्घाटन करते हुए आगामी वर्ष के लिए संस्थान के विजन और छात्रों के लिए घरेलू माहौल तैयार करने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों को बताया।

उन्होंने कहा कि छात्र एम्स के नियमों का पालन करें। संस्थान में संरक्षक और शिष्य की जो भूमिका है, उसे निभाएं। अनुशासन में रहकर की पढ़ाई ही छात्रों को आगे ले जाती है। एकेडमिक डीन डॉ. महिमा मित्तल ने छात्रों को सीखने के अनुभवों के बारे में बताया। कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। बदल रही दुनिया में चुनौतियां भी अधिक है। इन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। अनुसंधान के डीन डॉ. हरि शंकर जोशी ने संस्थान में चल रहे शोध के बारें में बताया।

उन्होंने कहा कि छात्रों को संस्थान के भीतर और बाहर विभिन्न शोध करने होंगे। इसके लिए एम्स हर कदम पर उनके साथ खड़ा रहेगा। छात्र कल्याण की डीन डॉ. शिखा सेठ ने छात्रों की बेहतरी के लिए संस्थान में की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। परीक्षा डीन डॉ. मनोज कुमार सौरभ ने वर्ष के लिए मूल्यांकन रणनीतियों के बारे में बताया। उप निदेशक अरुण सिंह ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और भविष्य में प्रशासन की मदद का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के समापन के मौके पर छात्रों और अभिभावकों को विभागों का भ्रमण कराया गया।

कैथ लैब जल्द होगा तैयार

कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि एम्स का कैथ लैब जल्द ही तैयार होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कैथ लैब तैयार होते ही एम्स में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर लगाने की सुविधाएं शुरू की जाएंगी। बताया कि लंदन से आई रेडियोथेरेपी मशीन को चूहों ने काट दी थी। उसके लिए इंजीनियर बुला लिए गए हैं। उसे भी जल्द ही बना दिया जाएगा। इसके बाद से कैंसर विभाग को सुचारू रूप से शुरू करते हुए मशीन से रेडियोथेरेपी की शुरुआत की जाएगी।

56 नर्सिंग ऑफिसरों को दिसंबर तक मौका

गोरखपुर। एम्स में आउटसोर्सिंग पर तैनात 56 नर्सिंग ऑफिसरों को अब दिसंबर तक का समय मिल गया है। इनकी निविदा 30 सितंबर को खत्म हो गई थी। नए कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह ने सभी को दिसंबर तक का समय दिया है। नए नर्सिंग ऑफिसर की तैनाती के बाद इनकी निविदा खत्म कर दी जाएगी। मंगलवार को नर्सिंग ऑफिसरों ने प्रो. अजय सिंह से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। कहा कि वर्ष 2019 से दिन-रात एम्स में मरीजों की सेवा कर रहे हैं। कभी शिकायत का मौका नहीं दिया है। अब नौकरी जाने से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। इस पर उन्होंने दिसंबर तक का समय दिया है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version