Uttarakhand

DIT University के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल का युवाओं को संदेश, कहा—डिग्री नहीं, जिम्मेदारी की शुरुआत है शिक्षा

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देहरादून: DIT University देहरादून के नवम् दीक्षांत समारोह में शनिवार को उत्साह और गर्व का माहौल देखने को मिला। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उपाधि प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डिग्री केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र, समाज और मानवता के प्रति जिम्मेदारी की एक नई यात्रा की शुरुआत है।

शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान नहीं, संस्कार भी

अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य सिर्फ ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं होना चाहिए। बल्कि इसके माध्यम से चरित्र निर्माण, विचारों में मजबूती और व्यवहार में संवेदनशीलता का विकास होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि वर्षों का अनुशासन, परिश्रम और मार्गदर्शन आज इस सफलता के रूप में सामने आया है।

तेजी से बदलते युग में सतत सीखना जरूरी

इसके बाद राज्यपाल ने वर्तमान समय की चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि आज का युग तकनीक, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का है, जहां ज्ञान और कौशल की प्रकृति तेजी से बदल रही है। ऐसे में वही युवा आगे बढ़ेंगे, जो निरंतर सीखने के लिए स्वयं को तैयार रखते हैं। उन्होंने डी.आई.टी. विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान इंजीनियरिंग, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन, स्वास्थ्य सेवाओं, फोरेंसिक साइंस और पर्यावरण विज्ञान जैसे आधुनिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।

सफलता का पैमाना समाज के लिए योगदान

युवाओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सफलता को केवल पद, वेतन या प्रतिष्ठा से नहीं मापा जाना चाहिए। असली सफलता इस बात में है कि व्यक्ति अपने ज्ञान और क्षमताओं का उपयोग समाज और राष्ट्र के हित में कैसे करता है। इस दौरान उन्होंने छात्राओं की विशेष रूप से सराहना की और कहा कि आज भारत की बेटियां हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं तथा विकसित भारत के निर्माण में उनकी भूमिका निर्णायक साबित हो रही है।

नशे पर सख्त संदेश, युवाओं से जिम्मेदारी निभाने की अपील

इसी क्रम में राज्यपाल ने नशे के बढ़ते खतरे पर चिंता जताते हुए कड़े शब्दों में कहा कि नशा युवाओं की ऊर्जा, स्वास्थ्य और भविष्य को बर्बाद कर देता है। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने, स्वस्थ शरीर और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। साथ ही “नशा मुक्त उत्तराखंड” अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील भी की।

उद्यमिता से बनेगा आत्मनिर्भर उत्तराखंड

राज्यपाल ने युवाओं से ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का संकल्प लेने का आग्रह करते हुए कहा कि पहले देश और समाज, फिर स्वयं—यही सच्चा राष्ट्रधर्म है। उन्होंने कहा कि आज की आवश्यकता है कि युवा नौकरी तलाशने वाले ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजनकर्ता भी बनें, जिससे उत्तराखंड विकसित भारत का एक मजबूत स्तंभ बन सके।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बदल रही दुनिया

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ए.आई. आज शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, प्रशासन और उद्योग सहित लगभग हर क्षेत्र में नई दिशा दे रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मानव-केंद्रित, नैतिक और पारदर्शी ए.आई. के विकास पर विशेष बल दे रहा है। “भारत ए.आई. मिशन” के तहत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश देश की डिजिटल क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

युवा हैं विकसित भारत के पथप्रदर्शक

अपने संबोधन के अंत में राज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत और विश्व गुरु भारत के निर्माण में आज के युवा पथप्रदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी उपाधि धारकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें जीवन भर सीखते रहने, जिम्मेदार नागरिक बनने और मानवता की सेवा के लिए समर्पित रहने का आशीर्वाद दिया।



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