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दिल्ली में पॉलूशन पर नजर के लिए पहली बार लगाए जाएंगे ड्रोन, हॉटस्पॉट इलाकों में तैनाती

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दिल्ली में पॉलूशन पर नजर के लिए पहली बार लगाए जाएंगे ड्रोन, हॉटस्पॉट इलाकों में तैनाती


Pollution In Delhi: दिल्ली का पर्यावरण विभाग राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए ड्रोन की तैनाती करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

Krishna Bihari Singh भाषा, नई दिल्लीWed, 25 Sep 2024 07:36 PM
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राष्ट्रीय राजधानी में पॉलूशन स्तर की निगरानी के लिए ड्रोन की तैनाती की जाएगी। दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए राष्ट्रीय राजधानी में विंटर ऐक्शन प्लान के तहत पहली बार ड्रोन की तैनाती करेगा। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि 13 प्रमुख हॉटस्पॉट इलाकों में ड्रोन की तैनात करेगा। बता दें कि यह 21 उपायों वाले विंटर ऐक्शन प्लान का हिस्सा है।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस साल ड्रोन का इस्तेमाल कर के प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों की सटीकता और गति बढ़ाई जाएगी। पहली बार, ड्रोन का इस्तेमाल रियल टाइम प्रदूषण के हॉटस्पॉट इलाकों की निगरानी के लिए किया जाएगा। यह नहीं पहले से पहचाने गए प्रदूषण के स्रोतों से पहले की तुलना में ज्यादा सटीकता से निपटा जाएगा।

पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन के जरिए प्रदूषण के स्तर की निगरानी करने की पहल से प्रदूषण स्रोतों के बारे में वास्तविक आंकड़े उपलब्ध होने की उम्मीद है। इससे प्रदूषण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इन ड्रोन की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया के अगले हफ्ते में अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। हम ड्रोन के लिए निविदा जारी करने के अंतिम चरण में हैं।

अधिकारी ने बताया कि एक बार जब प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तब ड्रोन को प्रदूषण बढ़ाने वाली हॉटस्पॉट जगहों की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। शहर के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से चिन्हित 13 हॉटस्पॉट में हर एक को जरूरत के आधार पर एक या दो ड्रोन सौंपे जाएंगे। प्रदूषण रोकथाम के उपायों में इन हॉटस्पॉट को गहन निगरानी को प्राथमिकता दी गई है।

ड्रोन के इस्तेमाल की पहलकदमी विंटर ऐक्शन प्लान के तहत सुझाए गए उपायों का हिस्सा है। इन उपायों में पराली जलाने पर अंकुश लगाने की रणनीति के साथ ही धूल-रोधी अभियान, सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव जैसे कदम शामिल हैं। इस बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने कहा है कि वह ग्रैप के पहले चरण के तहत कार्रवाई करने से पहले एक या अधिक दिन तक AQI की निगरानी करेगी।



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