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सोनम वांगचुक की मांग दिल्ली पुलिस ने की खारिज, अनशन के लिए मांगी दूसरी जगह

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सोनम वांगचुक की मांग दिल्ली पुलिस ने की खारिज, अनशन के लिए मांगी दूसरी जगह


पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की मांग को दिल्ली पुलिस ने खारिज कर दिया है। अब उन्होंने अनशन के लिए सरकार और पुलिस से वैकल्पिक स्थान की मांग की है।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 6 Oct 2024 11:26 AM
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क्लाइमेट एक्टविस्ट सोनम वांगचुक ने रविवार को निराशा जताते हुए अनशन करने के लिए वैकल्पिक जगह की मांग की। निराशा और वैकल्पिक जगह की मांग की वजह उन्हें अनशन करने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनुमती देने से इंकार कर देना है। आपको बता दें कि वांगचुक अपने तमाम कार्यकताओं के साथ लद्दाख को छठी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपने साथियों के साथ लद्दाख से दिल्ली तक की पैदल यात्रा भी की।

सोनम ने दिल्ली पुलिस द्वारा भेजे गए पत्र की कॉपी शेयर करते हुए इसकी जानकारी एक्स पर दी। पत्र में उन्हें जन्तर-मन्तर पर अनशन करने से मना कर दिया गया है। उन्होंने कॉपी शेयर करते हुए लिखा, एक और अस्वीकृति एक और निराशा। उन्होंने लिखा कि अगर जन्तर-मन्तर पर अनशन करने की अनुमती नहीं है तो फिर किस जगह की है। हम सभी कानूनों का पालन करना चाहते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। अपने ही देश में गांधी के रास्ते पर चलना इतना कठिन क्यों है? कोई रास्ता जरूर होना चाहिए।

पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हमे बेहद कम समय में ये नोटिस मिला है और इसमें कोई निश्चित समय का जिक्र नहीं किया गया है। गाइडलाइन के हिसाब से जन्तर-मन्तर पर किसी भी कार्यक्रम के लिए 10 दिन पहले से नोटिस भेजा जाना चाहिए। साथ ही यह कार्यक्रम 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक के बीच में आयोजित होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों की तरफ से लेह एपेक्स बॉडी के कॉर्डिनेटर जिगमत पल्जोर ने पीटीआई को बताया कि वैकल्पिक स्थान के लिए पुलिस और सरकार से बात चल रही है।

शनिवार शाम एक्स पर शेयर किए गए वीडियो मेसेज में वांगचुक ने दावा किया कि जब उन्होंने राजघाट पर अपना अनशन तोड़ा तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें बड़े नेताओं से बातचीत के लिए समय मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस कारण उन्हें अनिश्चितकालीन उपवास के बारे में सोचना पड़ा। साथ ही शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत धारा 163 लगा दी गई। इससे अनधिकृत सभाओं और लोगों के एकट्ठा होने को बैन कर दिया गया।



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