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अदालतों में शौचालयों की खराब स्थिति पर हाईकोर्ट सख्त, दिल्ली सरकार के PWD को दिए आदेश

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दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिला अदालतों में सभी प्रसाधन कक्ष सुविधाएं साफ-सुथरा और चालू हालत में हों।

Krishna Bihari Singh भाषा, नई दिल्लीSat, 19 Oct 2024 01:32 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी जिला अदालतों में वॉशरूम सुविधाओं का निरीक्षण करने का आदेश देते हुए कहा कि साफ-सुथरा और सुरक्षित टॉयलेट खास तौर पर महिलाओं के लिए एक मूलभूत जरूरत है। अदालत ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जिला अदालतों में सभी प्रसाधन कक्ष सुविधाएं साफ-सुथरा और चालू हालत में हों। इसके साथ ही अदालत ने सभी जिला अदालतों में प्रसाधन कक्षों के निरीक्षण के लिए अदालत आयुक्त नियुक्त किया।

इसके साथ ही अदालत ने सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को सभी वॉशरूम सुविधाओं का निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा। जस्टिस संजीव नरुला ने कहा कि अदालत का यह कहना है कि स्वच्छ, चालू हालत में और सुरक्षित प्रसाधन कक्ष सुविधाएं मुख्य रूप से बार की महिला सदस्यों के लिए मूलभूत जरूरत है। महिला वकीलों की सुरक्षा, निजता और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे में प्रतिवादियों से इस विषय को गंभीरता से लेने की उम्मीद की जाती है।

इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पीडब्ल्यूडी और अन्य नगर निकाय एजेंसियां इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगी। वे अन्य हितधारकों के साथ पूरा सहयोग करेंगी। दिल्ली हाईकोर्ट एक महिला वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही है। महिला वकील ने यहां साकेत जिला अदालत में वकीलों के चैम्बर ब्लॉक में प्रसाधन कक्षों की दयनीय दशा और अस्वच्छ स्थिति की शिकायत की है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इन निरीक्षणों में प्रसाधन कक्षों में स्वच्छता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

अदालत ने वकील की ओर से प्रसाधन कक्षों की बदहाली को बयां करती तस्वीरों को भी देखा और कहा कि प्रसाधन कक्षों की ऐसी स्थिति उनकी अनदेखी को दिखाती है। खासकर महिला वकीलों के लिए ऐसी स्थितियां चिंताजनक हैं, जिनके लिए निजता और सुरक्षा सर्वोच्च है। इसके साथ ही अदालत ने सभी जिला अदालतों में महिलाओं के प्रसाधन कक्षों का गहन जांच करने के लिए एक अदालत आयुक्त नियुक्त किया। अदालत ने कहा कि किसी तरह की मरम्मत या सुधार पर अनुपालन रिपोर्ट दो हफ्तों के भीतर अदालत में पेश की जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि अदालत आयुक्त प्रसाधन कक्षों की दशा पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करें जिसमें कमियों को रेखांकित किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट पीडब्ल्यूडी को प्रसाधन कक्षों का नियमित रूप से रखरखाव करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने शहर के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करने के लिए विषय का संज्ञान लेने का निर्देश दिया कि पुरुषों और महिलाओं के लिए सभी प्रसाधन कक्ष सुविधाओं का निरीक्षण सुनिश्चित हो और यह उनके अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में किया जाए।



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