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केजरीवाल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के लिए याचिका, HC ने बरकरार रखा ट्रायल कोर्ट का आदेश

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केजरीवाल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के लिए याचिका, HC ने बरकरार रखा ट्रायल कोर्ट का आदेश


दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ ‘राजनीतिक साजिश में हत्या’ के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली एक महिला की याचिका खारिज कर दी। महिला ने अपनी बेटी की हत्या के लिए केजरीवाल और अन्य को जिम्मेदार ठहराया था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ ‘राजनीतिक साजिश में हत्या’ के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली एक महिला की याचिका खारिज कर दी है। उसने अपनी बेटी की हत्या के लिए केजरीवाल और अन्य को जिम्मेदार ठहराया था।

याचिकाकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी संतोष कोली की 2013 में राजनीतिक साजिश में हत्या की गई थी। महिला ने अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, कुलदीप पवार आदि के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ एससी और एसटी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। संतोष कोली आप के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली थीं। जून 2013 में यात्रा करते समय एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। बाद में उनकी मौत हो गई थी।

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। जस्टिस कृष्णा ने कहा कि दुर्घटना के संबंध में गाजियाबाद में एफआईआर दर्ज की गई थी, जहां 2013 में घटना हुई थी। कानून दूसरी एफआईआर दर्ज करने की इजाजत नहीं देता।

न्यायाधीश ने आगे कहा कि वर्तमान मामले में कोई जाति-आधारित दुर्व्यवहार या अपमान नहीं किया गया। इसलिए एससी/एसटी अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं बनता है। अदालत ने पारित आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता कलावती द्वारा शिकायत में किए गए आरोप केवल कुछ लोगों पर उनकी बेटी की कथित तौर पर हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हैं। भले ही याचिकाकर्ता के सभी कथनों को स्वीकार कर लिया जाए, फिर भी कोई जाति-आधारित दुर्व्यवहार या अपमानित करने वाली टिप्पणी नहीं है। 

याचिकाकर्ता का आरोप कि नामित व्यक्तियों ने उनकी बेटी की कथित तौर पर उनकी जाति के कारण हत्या कर दी, मूल रूप से उसके पूर्वाग्रह पर आधारित है और इसका कोई आधार नहीं है।अदालत ने यह भी कहा कि एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधान सिर्फ इसलिए लागू नहीं होंगे कि पीड़ित महिला एससी/एसटी समुदाय से है।

दुर्घटना के संबंध में अदालत ने कहा कि आरोपी के पता नहीं लगाए जाने पर एक अंतिम रिपोर्ट गाजियाबाद पुलिस ने संबंधित ट्रायल कोर्ट में दायर की थी। मामले में आगे की जांच का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। अदालत ने कहा कि यह देखना भी प्रासंगिक है कि पूरी घटना गाजियाबाद में हुई थी और उक्त घटना का कोई भी हिस्सा दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ था। इसलिए ऐसी कोई भी नई एफआईआर दिल्ली के नंद नगरी थाने में दर्ज करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है, जैसा कि एएसजे ने 16 सितंबर 2023 के आदेश में कहा है। अदालत ने कहा, “उपरोक्त बातों के मद्देनजर वर्तमान याचिका में कोई योग्यता नहीं है और इसे खारिज किया जाता है।”

महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि उनकी बेटी केजरीवाल के साथ परिवर्तन संस्थान में काम कर रही थी। केजरीवाल ने तब आम आदमी पार्टी का गठन किया था। जून 2013 में वह कौशांबी, गाजियाबाद में एक पार्टी की बैठक में भाग लेने के लिए जाते समय एक दुर्घटना का शिकार हो गई। अगस्त में चोटों के कारण उसकी मौत हो गई।



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