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Uttar Pradesh

सचिवालय तक पहुँचा यमुना का पानी, राहत शिविर डूबे; जलस्तर 208 मीटर के करीब l

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सचिवालय तक पहुँचा यमुना का पानी, राहत शिविर डूबे; जलस्तर 208 मीटर के करीब l



दिल्ली में यमुना का कहर: जलस्तर 208 मीटर के करीब, हजारों लोग बेघर lदिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी लगातार उफान पर है और हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। राजधानी के कई निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं। सिविल लाइंस की बेला रोड पर गाड़ियां पानी में डूब गईं, कई इमारतें भी बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं।

फिलहाल यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच चुका है और केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि यह 208 मीटर तक जा सकता है। अगर जलस्तर और बढ़ा तो 2023 जैसी भयावह स्थिति दोहराई जा सकती है, जब आउटर रिंग रोड और कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक पानी भर गया था। इससे राजधानी की आवाजाही और जनजीवन पर गहरा असर पड़ सकता है।

राहत शिविर भी डूबे

बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए मयूर विहार-फेज 1 के पास बनाए गए राहत शिविरों में भी पानी घुस गया है। लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी स्थिति को और बिगाड़ रहा है। ऐसे में शहर के भीतरी हिस्सों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

निगमबोध घाट जलमग्न

बढ़ते जलस्तर का असर राजधानी के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध पर भी पड़ा है। घाट पूरी तरह डूब चुका है और यहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोकनी पड़ी है। प्रशासन ने मिट्टी और बोरे डालकर पानी रोकने की कोशिश की, लेकिन यमुना के तेज बहाव के आगे सारे प्रयास नाकाम रहे। घाट की दीवार का एक हिस्सा टूट जाने से हालात और बिगड़ गए हैं।

शरणार्थियों की बढ़ी मुश्किलें

वजीराबाद इलाके में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए हालात और भी मुश्किल हो गए हैं। घरों में पानी घुसने से परिवारों को सिग्नेचर ब्रिज के नीचे खुले आसमान तले शरण लेनी पड़ रही है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने अब तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया। न टेंट दिए गए, न ही खाने-पीने की सही व्यवस्था है। बारिश और ठंड में छोटे-छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।

राहुल सिंह नामक शरणार्थी ने बताया कि उनके घर पूरी तरह डूब गए हैं और अब वे परिवार समेत खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। दूसरी ओर, कई परिवार रातभर जागकर अपने घरों और सामान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सालों की मेहनत से बनाया आशियाना डूब जाने का डर इन लोगों को और बेचैन कर रहा है।

स्थिति गंभीर, राहत की उम्मीद कम

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी और लगातार हो रही बारिश के बीच जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही। दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं और प्रशासन की सभी टीमें हालात पर नजर बनाए हुए हैं।



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