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बीमार मां से मिल सकेगा इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी यासीन भटकल, कोर्ट ने एक शर्त के साथ दी इजाजत

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दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक और आतंकवाद के आरोपी यासीन भटकल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बीमार मां से मिलने व बातचीत करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को इसके लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। इस बात की अनुमति देते हुए कोर्ट ने एक शर्त भी रखी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भटकल को अपनी मां से सिर्फ हिंदी भाषा में ही बात करने के लिए कहा।

इसके साथ ही एडिशनल सेशल जज डॉ हरदीप कौर ने संबंधित जेल अधीक्षक को दोनों के बीच की बातचीत को सुरक्षा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रिकॉर्ड करने की भी स्वतंत्रता दी। न्यायाधीश ने कहा, ‘तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए और दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को देखते हुए, संबंधित जेल अधीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि वे आरोपी को उसकी मां से केवल एक बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करने की अनुमति दें।’

जज ने आरोपी के वकील द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश पारित किया, जिसमें दावा किया गया था कि भटकल की मां की इसी महीने हृदय की सर्जरी हुई है और उनकी हालत गंभीर है। आरोपी की ओर से पेश हुए वकील एमएस खान, अधिवक्ता कौसर खान और प्रशांत प्रकाश ने भी दलील दी कि भटकल ने पिछले 13 सालों से अपने परिवार से बात नहीं की है।

आरोपी ने इससे पहले अपनी मां से मिलने के लिए हिरासत पैरोल की मांग की थी, लेकिन इस बार उसने कोर्ट में कहा कि वह पैरोल के लिए दबाव नहीं डाल रहा है, बल्कि प्रार्थना करता है कि उसे मानवीय आधार पर महीने में एक बार अपनी मां से वर्चुअल मुलाकात की सुविधा प्रदान की जाए। हालांकि पुलिस ने भटकल को इस अनुमति को देने का विरोध किया।

भटकल आतंकवाद के कई मामलों में आरोपी है, जिसमें 2012 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने और सितंबर 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से जुड़ा एक मामला शामिल है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी और 135 लोग घायल हो गए थे।



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