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हमने घटाया, BJP राज्यों ने कुछ नहीं किया; प्रदूषण पर केंद्र सरकार के डेटा पर आप का बड़ा दावा

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दिल्ली की हवा में प्रदूषण का जहर घुलने लगा है। हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। आप ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली जलाना दिल्ली के वायु प्रदूषण का ‘मुख्य कारण’ है।

Sneha Baluni नई दिल्ली। पीटीआईThu, 17 Oct 2024 01:02 AM
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दिल्ली की हवा में प्रदूषण का जहर घुलने लगा है। हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसीे बीच प्रदूषण को लेकर राजनीति भी जारी है। आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली जलाना दिल्ली के वायु प्रदूषण का ‘मुख्य कारण’ है।

जैस्मीन शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली और पंजाब की आप सरकारें ही प्रदूषण कम कर रही हैं और लोगों को राहत दे रही हैं। उन्होंने दावा किया कि एक से 14 अक्टूबर के बीच पिछले साल की तुलना में इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 27 फीसदी की कमी आई है, जबकि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हरियाणा में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं।

आप नेता ने कहा, ‘केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 14 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 1,105 घटनाएं दर्ज की गईं। इस साल यह संख्या घटकर 811 हो गई है, जो राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में 27 फीसदी की कमी है।’ उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में पिछले साल इसी अवधि के दौरान 341 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गईं। इसमें 23 प्रतिशत का इजाफा है।

शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले साल पराली जलाने की 244 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गईं, जो 70 प्रतिशत की भारी वृद्धि को दिखाती है। शाह ने दावा किया कि पंजाब में आप के सत्ता में आने के बाद से पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है और 2021 में 71,300 घटनाएं हुई थीं, जो 2023 में 36,600 हो गईं। उन्होंने इसे राज्य में पार्टी की ‘सफलता’ करार दिया।

उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के शासन में केवल दो सालों के अंदर इसमें 50 प्रतिशत की कमी आई है। शाह ने आरोप लगाया कि केवल दिल्ली और पंजाब की आप सरकारें ही प्रदूषण के मसले पर ‘दिन-रात काम कर रही हैं’, जबकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश या केंद्र की भाजपा सरकारें ‘कुछ नहीं कर रही हैं।’



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