Delhi
वक्फ संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी, बजट सत्र में पेश होने का रास्ता साफ…
नई दिल्ली – वक्फ संशोधन बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। जेपीसी (जॉइंट पेरलियामेंट्री कमिटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकांश संशोधनों के आधार पर इसे मंजूरी दी गई है। सूत्रों के अनुसार, 19 फरवरी को हुई बैठक में अधिकांश संशोधनों को मंजूरी दी गई थी। इस संशोधन के बाद, वक्फ बिल को मंजूरी मिलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। बजट सत्र के दूसरे हिस्से में इस बिल को संसद में पेश किया जा सकता है।
जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में वक्फ बिल पर कई महत्वपूर्ण संशोधन सुझाए थे, हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने इस पर अपनी असहमति जताई है।
वक्फ संशोधन बिल के प्रमुख बिंदु:
- गैर-मुस्लिम सदस्यों को भी प्रतिनिधित्व: अब वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी जगह दी जाएगी।
- महिला प्रतिनिधित्व: महिलाओं को वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिलेगा।
- सत्यापन प्रक्रियाओं में सुधार: वक्फ संपत्तियों के सत्यापन प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा।
- जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका: जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका में भी बदलाव होगा।
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी: वक्फ बोर्ड की कुछ शक्तियों में कमी की जाएगी।
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण: वक्फ संपत्तियों को डिजिटलीकरण किया जाएगा।
- बेहतर ऑडिट प्रणाली: ऑडिट प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
- अवैध कब्जों की रोकथाम: वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जों की रोकथाम के लिए नए प्रावधान होंगे।
- वक्फ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति: वक्फ बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाई जाएगी।
- वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि: वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों को बढ़ाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड कानून में प्रस्तावित बदलाव:
पुराने वक्फ कानून के तहत किसी संपत्ति पर दावा करने के लिए केवल ट्रिब्यूनल के पास ही अपील की जा सकती थी, जबकि प्रस्तावित संशोधन के तहत अब हाई कोर्ट में भी अपील की जा सकेगी। इसके अलावा, अगर कोई मस्जिद वक्फ संपत्ति नहीं है, तो वक्फ इसका दावा नहीं कर सकता है। पुराने कानून के तहत महिलाओं और अन्य धर्मों के लोगों को वक्फ बोर्ड में सदस्यता नहीं मिलती थी, लेकिन नए संशोधन में यह व्यवस्था बदली जाएगी और दो गैर-मुसलमानों को भी बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के बारे में कुछ अहम तथ्य:
- वक्फ बोर्ड इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करने वाली संस्था है।
- यह संस्था 1954 में बनी थी और प्रत्येक राज्य में वक्फ बोर्ड है।
- वक्फ संपत्तियों में अवैध कब्जे की संख्या 994 है, और इसकी सबसे ज्यादा संपत्ति उत्तर प्रदेश में है।
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