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Uttarakhand

BJP-कांग्रेस की केदारनाथ उपचुनाव में जीत पर टिकीं निगाहें, ढाई साल में 5वां सियासी संग्राम

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BJP-कांग्रेस की केदारनाथ उपचुनाव में जीत पर टिकीं निगाहें, ढाई साल में 5वां सियासी संग्राम

केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव, ढाई वर्ष के दौरान पांचवां सियासी संग्राम होगा। इससे पहले चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में मुकाबला बराबरी का रहा। इनमें भाजपा और कांग्रेस, दोनों को दो-दो सीटों पर जीत मिली। ऐसे में केदारनाथ उप चुनाव निर्णायक होगा। दोनों पार्टियों ने इसके लिए ताकत झोंक दी है।

1 चंपावत विधानसभा उपचुनाव

निर्वाचन आयोग ने केदारनाथ विधानसभा के लिए उपचुनाव की तिथि (20 नवंबर) का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सियासी दलों में सरगर्मी बढ़ गई है। प्रदेश सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में यह पांचवां उपचुनाव है। पहला उपचुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मई 2022 में चंपावत से खुद लड़ा। उनके लिए चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सीट खाली की थी। इस सीट पर धामी ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की थी। उत्तराखंड के चुनावी इतिहास में किसी नेता को इससे पहले इतनी बड़ी विजय नहीं मिली।

2 बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव

इसके बाद कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के चलते बागेश्वर सीट खाली हुई। इस सीट पर सितंबर 2023 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने दिवंगत राम दास की पत्नी पार्वती देवी को टिकट दिया और वो जीतने में सफल रही थीं।

3 चंपावत विधानसभा उपचुनाव

उपचुनाव का यह सिलसिला यही नहीं थमा। इसके बाद मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा के विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के चलते उपचुनाव की जरूरत पड़ी। मंगलौर से कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त दी।

4 बदरीनाथ विधानसभा उपचुनाव

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में जाने से इस सीट पर भी उपचुनाव तय हो गया। यहां मंगलौर के साथ जुलाई में उपचुनाव कराया गया। भाजपा ने राजेंद्र भंडारी पर ही दांव खेला, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस के लखपत बुटोला यहां विजयी रहे। चूंकि, चार विस सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस दो-दो सीटें जीत चुके हैं और दोनों दलों के लिए अब केदारनाथ उपचुनाव बड़ा अहम होने जा रहा है।

5 लोकसभा चुनाव

इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की तूती बोली। भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को इस सीट पर 30536 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल 20164 वोट लेने में सफल रहे। इस तरह इस क्षेत्र में बलूनी ने 10 हजार से अधिक वोट की बढ़त बनाई।

बीते दो चुनाव का नतीजा

2022 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शैलारानी ने बड़ी जीत दर्ज की। उन्हें 21886 मत मिले थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय कुलदीप रावत को 13423 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत (12557) तीसरे नंबर पर रहे थे।

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मनोज रावत (13906 वोट) निर्वाचित हुए थे। वे निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय कुलदीप रावत से करीब नौ सौ वोटों से जीते थे। कुलदीप को 13037 जबकि निर्दलीय आशा नौटियाल को 11786 व भाजपा प्रत्याशी शैला रानी को 11472 वोट मिले थे।



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