Delhi

आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत का सही मूल्यांकन करने की अपील, महेंद्र भट्ट ने संसद में उठाया मुद्दा…

Published

on


नई दिल्ली – बजट पेश होने के बाद संसद में बजट पर चर्चा का सिलसिला जारी है, और इस चर्चा के दौरान उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आशा कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। स्पीकर ने जैसे ही महेंद्र भट्ट को बोलने का अवसर दिया, उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तार से बात की और सरकार से इस पर ध्यान देने की अपील की।

महेंद्र भट्ट ने संसद में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संचालन से जुड़े आशा कार्यकर्ताओं के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आशा बहनों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के दायरे में लाया जाए। उनका कहना था कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद अहम है, खासकर ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में उनकी भागीदारी को देखते हुए उन्हें उचित वेतन मिलना चाहिए।

भट्ट ने यह भी बताया कि वर्तमान में आशा कार्यकर्ताओं को महज 4500 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि मिलती है, जो उनके कार्य की अहमियत को देखते हुए बहुत कम है। कुछ राज्यों ने आशा कार्यकर्ताओं को वार्षिक प्रोत्साहन राशि देने की शुरुआत की है, लेकिन उत्तराखंड राज्य ही ऐसा है जहाँ इन कार्यकर्ताओं को 5000 रुपये का वार्षिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

महेंद्र भट्ट ने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत का सम्मान किया जाए और उन्हें न्यूनतम वेतन अधिनियम में शामिल किया जाए, जिसमें राज्य सरकार का योगदान भी शामिल हो।

बता दें कि वर्तमान समय में उत्तराखंड में लगभग 11,086 आशा कार्यकर्ता अपनी सेवाएं दे रही हैं और इन कार्यकर्ताओं की मासिक आय बढ़ाने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है।

#AshaWorkers #MahendraBhatt #BudgetSession #MinimumWage #NHM #HealthCare #RuralHealth #Uttarakhand #AshaSisters #GovernmentSupport #WageIncrease #RuralHealthcare



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version