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30 अप्रैल को मनाया जाएगा शुभ पर्व, जानें पूजा का मुहूर्त और महत्व…

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दिल्ली : अक्षय तृतीया पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।
यह पर्व हर वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, और इस वर्ष यह शुभ दिन 30 अप्रैल 2025 को पड़ेगा। धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण के अनुसार, इस बार अक्षय तृतीया शोभन योग, लक्ष्मी नारायण योग, गजकेसरी योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में आ रही है, जिससे इस दिन की गई खरीदारी और पूजा कई गुना अधिक फलदायी होगी।

अक्षय तृतीया का अर्थ और धार्मिक महत्व:

अक्षय” का अर्थ है — कभी न खत्म होने वाला। इस दिन किया गया दान, पूजा, जप या खरीदारी कभी व्यर्थ नहीं जाती। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत, संपत्ति में निवेश, विवाह, और कीमती वस्तुओं की खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

  • तृतीया तिथि का प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:31 बजे
  • समापन: 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे
  • पूजा के लिए शुभ मुहूर्त:
    • प्रातः 5:54 बजे से 9:12 बजे तक
    • पुनः 10:51 बजे से 12:30 बजे तक

क्यों करें इस दिन खरीदारी?

इस दिन भूमि, भवन, स्वर्ण आभूषण, वाहन, और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। लक्ष्मी नारायण के दर्शन और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

खेती के लिए भी शुभ:

यदि अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र हो, तो यह दिन खेती और कृषि के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है।

 

 





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