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एडीबी ने भारत के आर्थिक प्रगति के लिए 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण किया मंजूर, हरित बुनियादी ढांचे के विकास पर होगा खर्च…

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नई दिल्ली – एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण देने की मंजूरी दी है। यह कदम भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करना है।

एडीबी के प्रमुख वित्त क्षेत्र विशेषज्ञ संजीव कौशिक ने भारत की आर्थिक प्रगति के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मजबूत बुनियादी ढांचे हैं जो देश की जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हैं। एडीबी यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार को समर्थन मजबूत कर रहा है कि भारत का आर्थिक विकास समावेशी और टिकाऊ होगा।”

एडीबी ने यह भी बताया कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक जलवायु प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो अक्सर बाढ़, सूखे और चक्रवातों का सामना करता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए जलवायु जोखिमों को कम करने वाले बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। एडीबी ने यह भी बताया कि देश में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का जलवायु वित्तपोषण अंतर है, जिसे केवल सार्वजनिक क्षेत्र से पूरा नहीं किया जा सकता।

इस ऋण को सॉवरेन गारंटी के तहत इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL) को प्रदान किया जाएगा। इस फंडिंग के माध्यम से आईआईएफसीएल कनेक्टिविटी, ऊर्जा संक्रमण, शहरी विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक पूंजी प्रदान करने में सक्षम होगा।

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