Uttarakhand
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Haldwani Violence Mastermind Abdul Malik Arrest: हल्द्वानी हिंसा के वांटेड आरोपी अब्दुल मलिक को पुलिस 16 दिन बाद शुक्रवार की देररात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मलिक की गिरफ्तारी के लिए देश के आठ राज्यों की खाक छानी थी। इसमें नौ टीमों में 45 पुलिस कर्मियों को लगाया था।
इसके बाद मात्र ढाई सौ किमी की दूरी पर मलिक मिल गया। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में बीते आठ फरवरी को सरकारी जमीन पर बने मदरसा और धार्मिक स्थल को हटाने गई पुलिस का लोगों ने विरोध कर दिया था। पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद हिंसा भड़क गई।
विरोध में लोगों ने वनभूलपुरा थाना समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच हजार अज्ञात समेत 16 आरोपियों को नामजद किया था। जिसमें अलग-अलग तीन मुकदमे दर्ज हुए थे।
मुकदमों में अब्दुल मलिक पहले नंबर पर था। इस मामले में पुलिस अब तक सात वांटेड समेत 82 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
पुलिस ने गृह मंत्रालय से दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करा दिया था। पूरे नेपाल बॉर्डर पर वांटेड मलिक के पोस्टर चस्पा कर दिए गए। पुलिस ने दोनों को पकड़ने के लिए उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश और चंड़ीगढ़ तक दबिशें दीं थी।
लेकिन मलिक पुलिस को दिल्ली में मिला, लेकिन उसके बेटे को अभी भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। वांटेड की लिस्ट में अब्दुल मलिक गिरफ्तार होने वाला आठवां आरोपी है।
डेढ़ हजार किमी दौड़ी पुलिस
नैनीताल पुलिस ने मलिक की गिरफ्तारी के लिए आठ राज्यों में दबिशें दीं। 16 दिन में करीब डेढ़ हजार किमी का सफर मलिक को गिरफ्तार करने के लिए किया। इसमें कई दिनों तक पुलिस कर्मी अपने घर तक नहीं पहुंच पाए।
लेकिन बीते शुक्रवार की रात दिल्ली में मलिक की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस कर्मियों ने राहत की सांस ली है। पुलिस कर्मियों ने बताया कि दबिश के लिए मुंबई से लेकर गुजरात, बिहार, समेत कई राज्यों में गई। कई परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
प्रॉपर्टी और ठेकेदारी का काम करता है मलिक
पुलिस के अनुसार हल्द्वानी हिंसा का आरोपी मलिक का कारोबार बहुत बड़ा है। वह प्रॉपर्टी की खरीद-फरो,त के साथ ही रेलवे समेत कई विभागों में ठेकेदारी का कारोबार करता है। उसका कारोबार उत्तराखंड से लेकर गुजरात तक कई राज्यों में फैला हुआ है। इसीलिए पुलिस को उसे पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।