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उत्तराखंड में सफाई का नया अध्याय, सड़कों पर दिखेगी मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन- जानिए खूबियां!

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उत्तराखंड में सफाई का नया अध्याय, सड़कों पर दिखेगी मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन- जानिए खूबियां!





मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक तकनीक पर आधारित है। यह चलते-चलते सड़क पर जमी धूल और गंदगी को अपने अंदर समेट लेती है।देहरादून: उत्तराखंड में शहरी सड़कों की सफाई अब आधुनिक तकनीक से होगी। भारत सरकार की मदद से राज्य में पहली बार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें लाने की तैयारी है। दावा है कि इन मशीनों से न सिर्फ सड़कों की सफाई होगी, बल्कि वातावरण में उड़ने वाली धूल और प्रदूषण को भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा। पहले चरण में देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर को चुना गया है, जबकि अगले चरण में हल्द्वानी और हरिद्वार समेत अन्य शहरों में इन्हें उतारने की योजना है।

राजधानी देहरादून, योगनगरी ऋषिकेश और काशीपुर में यह मशीन सड़क पर चलते-चलते जमी हुई धूल को सोखकर अपने भीतर समेट लेगी और उसे सुरक्षित जगह पर डंप करेगी। खास बात यह है कि यह मशीन जमीन पर फैली बारीक धूल को भी इकट्ठा कर लेती है, जिससे वातावरण में मौजूद PM10 कणों की मात्रा घटने की उम्मीद है। डॉक्टरों के अनुसार यही कण सांस संबंधी बीमारियों का बड़ा कारण बनते हैं।

पूरी तरह ऑटोमेटिक तकनीक पर आधारित यह मशीन फिलहाल दिल्ली और इंदौर जैसे शहरों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल की जा रही है, जहां धूल प्रदूषण पर सकारात्मक असर देखने को मिला है। अब उत्तराखंड भी इसी तकनीक को अपना रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि मशीन के जरिए सड़क की धूल और ठोस कचरे को नियंत्रित करना आसान होगा और लोगों को साफ हवा मिल सकेगी।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी विकास विभाग मिलकर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में इन मशीनों से शहरी इलाकों की स्वच्छता व्यवस्था और मजबूत होगी। यह कदम न केवल सफाई व्यवस्था को आधुनिक बनाएगा बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।





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