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Uttarakhand

नकली दवाओं का काला कारोबार! सरकारी अस्पतालों तक पहुंच रही थी जहर की पुड़ियाl

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नकली दवाओं का काला कारोबार! सरकारी अस्पतालों तक पहुंच रही थी जहर की पुड़ियाl


देहरादून: उत्तराखंड STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए नकली दवाइयों के धंधे में शामिल चार फार्मा कंपनियों के मालिकों और प्लांट हेड्स को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उस समय सामने आई जब 1 जून को देहरादून के सेलाकुई इलाके में भारी मात्रा में नकली दवा रैपर्स, बॉक्स, लेबल और QR कोड के साथ एक शख्स को पकड़ा गया था।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में प्रदीप गौड़ (जेंटिक फार्मास्यूटिकल्स), शैलेंद्र सिंह (बीएलबीके फार्मा), शिशिर सिंह (ओएक्सआई फार्मा) और तेजेंद्र कौर (केरोन लाइफ साइंसेज) शामिल हैं। ये सभी देहरादून स्थित कंपनियों के शीर्ष पदों पर कार्यरत थे।

कैसे हुआ खुलासा?

1 जून को STF ने संतोष कुमार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसके पास नकली दवा सामग्री मिली। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक कार्रवाई करते हुए पहले छह लोगों को दबोचा – जिनमें नवीन बंसल उर्फ अक्षय, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता और अन्य शामिल थे।

जांच में पता चला कि इन फार्मा कंपनियों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के, सिर्फ मौखिक ऑर्डर पर, 18 लाख टैबलेट्स एक फर्जी फर्म बीचम बायोटेक (भिवाड़ी, राजस्थान) को बेच दी। ये दवाइयां स्ट्रिप्स के बिना भेजी गईं ताकि बाद में इन पर नकली ब्रांडेड स्ट्रिप्स लगाई जा सकें।

गंभीर गड़बड़ियां और सरकारी नियमों की अनदेखी

दवाइयों के बिलों में MRP “00.00” अंकित किया गया था, जो आम तौर पर सरकारी अस्पतालों की सप्लाई के लिए होता है।

नवीन बंसल उर्फ अक्षय के पास न तो कोई सरकारी टेंडर था, न ही किसी अस्पताल से सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट, फिर भी फर्जी तरीके से दवाइयों को खरीदा और ब्रांडेड पैकिंग में बेच दिया गया।

साल 2023-24 और 2024-25 के दौरान इस गिरोह ने कई बार इसी तरह दवाइयों का अवैध लेन-देन किया।

STF की बड़ी कामयाबी

अब तक STF इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। SSP STF नवनीत भुल्लर के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है और उनके खिलाफ अन्य राज्यों से भी आपराधिक रिकॉर्ड जुटाए जा रहे हैं।

यह मामला न केवल दवा कंपनियों की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। STF की यह कार्रवाई ऐसे लोगों के लिए कड़ा संदेश है जो लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

आगे क्या?
STF की जांच अभी जारी है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हों। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की संदिग्ध दवाइयों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।



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