Uttarakhand
उत्तराखंड की हवाई पट्टियों पर सेना का कंट्रोल! पिथौरागढ़ एयरपोर्ट पर 450 करोड़ की बड़ी डील

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सीमांत जिलों में हवाई संपर्क को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब चिन्यालीसौड़ (उत्तरकाशी) और गौचर (चमोली) में स्थित हवाई पट्टियों का संचालन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) करेगी, जबकि पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के संचालन की ज़िम्मेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सौंपी जाएगी।
यह फैसला न केवल स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
राज्य सरकार ने दी सैद्धांतिक सहमति, MOU पर बनी सहमति
राज्य सरकार ने चिन्यालीसौड़ और गौचर हवाई पट्टियों को वायुसेना को सौंपने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। वहीं, पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन अब AAI के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू पर सहमति बन चुकी है।
पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का होगा विस्तार, 450 करोड़ की लागत
प्रदेश सरकार पिथौरागढ़ एयरपोर्ट को भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार विस्तारित करने जा रही है। इस विस्तार पर लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विस्तार के बाद यहां से व्यावसायिक उड़ानों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है, जिससे न केवल आम यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटन को भी गति मिलेगी।
गुंजी में बनेगी एक किमी लंबी हवाई पट्टी, आदि कैलाश यात्रा को मिलेगी रफ्तार
सरकार अब गुंजी से आदि कैलाश क्षेत्र तक हवाई सेवा शुरू करने की योजना पर भी काम कर रही है। इसके लिए गुंजी में एक किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जाएगी, जिसमें भारतीय वायुसेना तकनीकी सहयोग देगी। यह हवाई पट्टी, धार्मिक और सामरिक दोनों ही दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है।
सीमांत क्षेत्रों को जोड़ेगा मजबूत हवाई नेटवर्क
सरकार का मानना है कि सीमांत क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी न केवल स्थानीय जनता को बेहतर आवागमन की सुविधा देगी, बल्कि आपदा प्रबंधन और सामरिक जरूरतों में भी अहम भूमिका निभाएगी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कई बार इस बात पर ज़ोर दे चुके हैं कि उत्तराखंड के पर्वतीय और सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत हवाई नेटवर्क तैयार करना समय की मांग है।