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Uttarakhand

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों को दी लैब ऑन व्हील्स की सौगात, राज्य के 9 जिलों में रवाना की मोबाइल साइंस लैब…..

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों को दी लैब ऑन व्हील्स की सौगात, राज्य के 9 जिलों में रवाना की मोबाइल साइंस लैब…..


देहरादून : उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए विज्ञान शिक्षा को नई दिशा देने के उद्देश्य से “लैब ऑन व्हील्स” परियोजना के तहत 9 मोबाइल साइंस लैब की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय परिसर में मोबाइल साइंस लैब के विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया और हरी झंडी दिखाकर इन प्रयोगशालाओं को रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण विज्ञान शिक्षा पहुंचे, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोबाइल साइंस लैब से छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ेगी और उन्हें व्यवहारिक रूप से सीखने का अवसर मिलेगा।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री धामी ने चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून और पौड़ी जिलों के लिए मोबाइल साइंस लैब की शुरुआत की थी, जिसे बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी।

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यूकाॅस्ट (उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने जानकारी दी कि प्रथम चरण में चार जिलों में लैब ऑन व्हील्स का सफल संचालन हुआ, और छात्रों व शिक्षकों से इसे लेकर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने बताया कि इसी सफलता को देखते हुए अब प्रदेश के शेष 9 जिलों — उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ — में इस परियोजना का विस्तार किया गया है।

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प्रो. पंत ने बताया कि यह परियोजना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और छात्रों को प्रयोगात्मक शिक्षा उपलब्ध कराना है। मोबाइल लैब के माध्यम से कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों को जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और गणित जैसे विषयों को रोचक तरीके से सीखने का अवसर मिलेगा। प्रयोगशालाओं में व्यवहारिक प्रदर्शन, मॉडल्स और विज्ञान गतिविधियों के जरिये छात्रों को पाठ्यक्रम की बेहतर समझ प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मोबाइल साइंस लैब से प्रदेश के बच्चों को आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का अनुभव मिलेगा, जिससे उनकी जिज्ञासा बढ़ेगी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होगा।

 




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