देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर का चिंतन शिविर आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह हमारे राज्य के लिए गर्व का विषय है कि ऐसी महत्वपूर्ण पहल का मंच उत्तराखंड बना है। उन्होंने कहा कि यह शिविर बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महान चिंतकों की विचारधारा का विस्तार है, जिससे देश में सामाजिक सशक्तिकरण की भावी नीतियों का रोडमैप तैयार होगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र के साथ देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले समाज कल्याण विभाग कुछ गिने-चुने कार्यों तक सीमित था, लेकिन पिछले एक दशक में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं।
सीएम धामी ने यह भी बताया कि आज केंद्र सरकार बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को विशेष पेंशन देकर उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही है, तो वहीं छात्रों को छात्रवृत्ति देकर उन्हें उज्जवल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर समाज के अति पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। नशे की लत से जूझ रहे लोगों के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम और पुनर्वास केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बेहतर तालमेल से ही सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित समुदायों तक प्रभावी रूप से पहुंच सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि जब यह चिंतन शिविर पहली बार आगरा में आयोजित हुआ था, तब केवल आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व था, जबकि देहरादून में आयोजित शिविर में 15 राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने नशामुक्त भारत अभियान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि युवा वर्ग को नशे की चपेट में आने से बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।