Uttarakhand
सड़क हादसे में बीमा क्लेम नहीं मिलेगा अगर किया यह काम, जानिए क्या है पूरा मामला
यदि आपके कॉमर्शियल यात्री वाहन का ड्राइवर परमिट की शर्तों के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन चलाने का अनुभव नहीं रखता है तो किसी हादसे की स्थिति में बीमा का क्लेम नहीं मिल पाएगा। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने ऐसे ही 13 साल पुराने सड़क हादसे में वाहन मालिक को बीमा क्लेम पाने का पात्र नहीं माना है।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने देहरादून के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के 2016 में बीमा कंपनी को वाहन की मरम्मत का खर्च अदा करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। राज्य आयोग ने जिला आयोग के फैसले को अव्याहारिक मानते हुए कड़ी टिप्पणी भी की।
मामले के अनुसार, देहरादून के अशोक कुमार ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ बीमा क्लेम ना देने का वाद दायर किया था। अशोक के अनुसार, 10 फरवरी 2011 को ऋषिकेश-श्रीनगर मार्ग पर तीनधारा के पास उनकी यात्री बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
ट्रक सामने से आने पर ड्राइवर नीरज कुमार ने बचाव करते हुए नियंत्रण खो दिया और वाहन खाई में गिर गया। इस हादसे के वक्त वाहन बीमित था। मरम्मत पर एक लाख रुपये भी खर्च हुए, लेकिन बीमा कंपनी क्लेम देने से इनकार कर रही थी। बीमा कंपनी का कहना था कि सड़क हादसे का शिकार हुए वाहन का ड्राइवर पर्वतीय क्षेत्र के लिए अनुभवी नहीं था।
जबकि, परिवहन विभाग की शर्तों के अनुसार, कॉमर्शियल यात्री वाहन चलाने के लिए पांच साल वाहन चलाने का अनुभव जरूरी है। लेकिन, जिला उपभोक्ता आयोग ने 16 मई 2016 को बीमा कंपनी का तर्क खारिज करते हुए 54 हजार रुपये का मरम्मत व्यय और 30 हजार रुपये बाकी खर्च के रूप में देने के आदेश कर दिए हैं।
जिला आयोग के फैसले को न्यायपूर्ण नहीं बताया
बीमा कंपनी द्वारा जिला आयोग के फैसले के खिलाफ अपील को लेकर राज्य आयोग अध्यक्ष कुमकुम रानी और सदस्य बीएस मनराल के समक्ष सुनवाई हुई। उन्होंने पाया कि नियम के अनुसार ड्राइवर के पास पांच साल का अनुभव होना जरूरी था। वाहन मालिक बीमा कंपनी की सेवाओं में किसी प्रकार की खामी को साबित भी नहीं कर पाए। जिला आयोग ने पर्याप्त मंथन के बिना फैसला दिया। यह न्यायपूर्ण नहीं है। राज्य आयोग ने कंपनी की अपील स्वीकारते हुए जिला आयोग के फैसले को खारिज करने का आदेश दे दिया।
विशेषज्ञ राय
राज्य आयोग की पूर्व सदस्य वीना शर्मा का कहना है बीमा इंश्यारेंस से पहले सभी शर्तों को पढ़ना चाहिए। खासकर, वाहनों से जुड़े मामले में वाहन चालक और वाहन मानक के अनुसार होना अनिवार्य है।