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Uttar Pradesh

बेटों के मुकाबले पढ़ाई में आगे हो रही हैं बेटियां, इस जिले के स्कूलों में प्रवेश बढ़े

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बेटों के मुकाबले पढ़ाई में आगे हो रही हैं बेटियां, इस जिले के स्कूलों में प्रवेश बढ़े


बेटों के मुकाबले ज्यादा बेटियों का स्कूलों में प्रवेश हो रहा है। बेसिक स्कूलों में 1.04 लाख बालक यानी 48 और 1.11 बालिका यानी 51 फीसदी का प्रवेश हुआ। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रत्येक ब्लाकों में नामांकन के साथ बालिका शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया।

पढ़ेंगी बेटिया, बढ़ेंगी बेटियां, जी हां प्रदेश सरकार का यह श्लोगन बेसिक शिक्षा मंत्री के जिले में सार्थक साबित हो रहा है। खुद मंत्री भी बालिका शिक्षा को वरीयता देते हुए बेटियों के नामांकन पर जोर दिया है। जिसका परिणाम है कि मंत्री के जिले में बालकों से तीन फीसदी अधिक बेटियां शिक्षा ग्रहण कर रहीं है। वहीं मंत्री के गृह क्षेत्र अतरौली में चार फीसदी अधिक बालिका परिषदीय स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैं। प्रदेश की योगी सरकार बालिका शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर ज्यादा फोकस कर रही है। ऐसे में सरकार बालिका के जन्म से लेकर विवाह तक की कई सारी योजनाओं कन्याओं के लिए चला रही है।

जिसका शत-प्रतिशत लाभ बालिकाओं को उपलब्ध कराने के लिए अफसरों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देती रहती है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षा अध्ययन की बात करें तो जिले में 2024-25 में कुल विद्यार्थियों का नामांकन 2,26,426 है। इसमें बालकों का नामांकन 1,04,967 और बालिकाओं का नामांकन 1,11,469 है। यानी बालक की तुलना में 6,504 बालिकाएं यानी 3 फीसदी अधिक शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। वहीं 2023-24 में 2,13,499 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था। इसमें 1,03,588 बालक और 1,09,911 बालिकाओं ने शिक्षा ग्रहण किया।

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पढ़ेंगी बेटिया, बढ़ेंगी बेटियां, जी हां प्रदेश सरकार का यह श्लोगन बेसिक शिक्षा मंत्री के जिले में सार्थक साबित हो रहा है। खुद मंत्री भी बालिका शिक्षा को वरीयता देते हुए बेटियों के नामांकन पर जोर दिया है। जिसका परिणाम है कि मंत्री के जिले में बालकों से तीन फीसदी अधिक बेटियां शिक्षा ग्रहण कर रहीं है। वहीं मंत्री के गृह क्षेत्र अतरौली में चार फीसदी अधिक बालिका परिषदीय स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहीं हैं। प्रदेश की योगी सरकार बालिका शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर ज्यादा फोकस कर रही है। ऐसे में सरकार बालिका के जन्म से लेकर विवाह तक की कई सारी योजनाओं कन्याओं के लिए चला रही है।

जिसका शत-प्रतिशत लाभ बालिकाओं को उपलब्ध कराने के लिए अफसरों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देती रहती है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षा अध्ययन की बात करें तो जिले में 2024-25 में कुल विद्यार्थियों का नामांकन 2,26,426 है। इसमें बालकों का नामांकन 1,04,967 और बालिकाओं का नामांकन 1,11,469 है। यानी बालक की तुलना में 6,504 बालिकाएं यानी 3 फीसदी अधिक शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। वहीं 2023-24 में 2,13,499 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था। इसमें 1,03,588 बालक और 1,09,911 बालिकाओं ने शिक्षा ग्रहण किया।|#+|

परिषदीय स्कूलों में कितने बच्चे कर रहे शिक्षा ग्रहण
ब्लाक फीसद
टप्पल 7.77
गोंडा 6.15
बिजौली 5.64
गंगीरी 4.89
अतरौली 3.93
खैर 3.55
इगलास 3.09
जवां 3.09
लोधा 1.99
धनीपुर .99
अकराबाद बराबर
चंडौस बराबर
अलीगढ़ -3.79
कुल 3

शहर से ज्यादा ग्रामीण सचेत है बालिका शिक्षा के प्रति
बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो शहर से ज्यादा ग्रामीण बालिका शिक्षा के प्रति सचेत हैं। अलीगढ़ नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में 7,830 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसमें बालक की संख्या 4,063 और बालिकाओं की संख्या 3,767 है। यानी बालकों की संख्या में 269 बालिकाएं कम शिक्षा ग्रहण कर रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के सभी ब्लाकों में बालकों की तुलना में एक हजार से लेकर तीन हजार तक अधिक बालिकाएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

बीएसए, डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा को लेकर विभाग पूरी तरह से सचेत है। खासकर बालिका शिक्षा को लेकर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जिसका सार्थक परिणाम रहा है। बालकों की तुलना में तीन फीसदी अधिक बालिकाएं परिषदीय स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। बालिकाओं को योजना का लाभ दिलाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है।



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