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Uttarakhand

मंदिर में साधु बनकर रह रहा था दूसरे समुदाय का युवक, भड़क उठे लोग; खूब बवाल

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मंदिर में साधु बनकर रह रहा था दूसरे समुदाय का युवक, भड़क उठे लोग; खूब बवाल

इस बीच कुमाऊं में रहने वाले बाहरी राज्यों के लोग अपनी पहचान नहीं छिपा सकेंगे। इसके लिए पुलिस का ’पहचान ऐप’ शुरू हो चुका है

Aditi Sharma हिन्दुस्तान, अल्मोड़ाSun, 29 Sep 2024 06:48 AM
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अल्मोड़ा मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर शिव मंदिर में पहचान बदलकर साधु के वेश में रह रहे दूसरे समुदाय के युवक को लोगों ने भगा दिया। ग्रामीणों को साधु पर लंबे समय से संदेह था। शनिवार को कुछ लोगों ने उसके आधार कार्ड की जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। हालांकि मामला अभी पुलिस तक नहीं पहुंचा है। पेटशाल स्थित शिव मंदिर में एक व्यक्ति बीते तीन, चार माह से रह रहा था। गांव के प्रधान कैलाश प्रसाद ने बताया कि स्थानीय लोग लंबे समय से उसकी गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। शनिवार को लोगों ने वीडियो बनाने के साथ कथित साधू से पूछताछ की। नाम-पता पूछा गया तो बताने में आनाकानी करने लगा।

गुस्साए लोगों ने खुद ही जांच शुरू की तो साधु का आधार कार्ड देख सब चौंक गए। आधार कार्ड में वह किसी दूसरे समुदाय निकला। कार्ड में उसका नाम वकील, उम्र 42 साल और पता आगरा यूपी लिखा था। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे तत्काल मंदिर खाली करने को कहा। ग्रामीणों ने हो हल्ला कर कथित साधू को वहां से भगा दिया। मामले में एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि पुलिस जगह-जगह सत्यापन अभियान चला रही है। सत्यापन अभियान में और अधिक तेजी लाई जाएगी। कुमाऊं में पहचान छिपाकर नहीं रह सकेंगे लोग

कुमाऊं में रहने वाले बाहरी राज्यों के लोग अपनी पहचान नहीं छिपा सकेंगे। इसके लिए पुलिस का ’पहचान ऐप’ शुरू हो चुका है। इससे एक तरफ अपराधियों पर नकेल कसी जाएगी, तो दूसरी तरफ अन्य राज्यों से यहां आकर ईमानदारी से काम करने वालों को सत्यापन कराने में आने वाली दिक्कतें दूर होंगी। इस ऐप से एक साथ हजारों लोगों का सत्यापन किया जा सकेगा और उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड भी एकत्र होगा। 

पहले चरण में इस ऐप पर नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के वनभूलपुरा, रुद्रपुर, किच्छा समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में रहने वाले बाहरी लोगों को चिह्नित कर उनका डाटा अपलोड किया जा रहा है। अब तक 27 हजार लोगों की जानकारी अपलोड हो चुकी है। 30 हजार लोगों का डाटा संग्रहित होते ही ऐप को लॉन्च कर दिया जाएगा। ऐप को मॉनिटर कर रहे सीओ हल्द्वानी, नितिन लोहनी ने बताया कि इससे दूसरे राज्यों के नागरिकों का उनके गृहनगर की पुलिस द्वारा सत्यापन आसानी से किया जा सकेगा। इससे कोई अपराधी प्रदेश में छिपकर नहीं रह सकेगा।



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