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उदयपुर में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ, आर्मी ने दिया लालच; ऐसे जाल में फंस गया

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उदयपुर में पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ, आर्मी ने दिया लालच; ऐसे जाल में फंस गया


राजस्थान के उदयपुर में आदमखोर तेंदुए को आर्मी की टीम और वन विभाग की संयुक्त टीम ने पकड़ने में सफलता प्राप्त कर ली है। तेंदुए को उसी स्थान पर पकड़ा जहां, कुछ दिन पहले महिला का शिकार किया था। तेंदुआ पांच दिन में तीन लोगों का शिकार कर चुका है। इसे पक़ड़ने के लिए सेना की मदद ली गई। तेंदुए की दहशत से करीब 6 हजार ग्रामीण भयभीत थे। तेंदुए ने जिस जगह महिला का शिकार किया था उसी जगह वो पिंजरे में कैद हो गया। 

आर्मी और वन विभाग की टीम ने एक बड़ा पिंजरा वहां लगाया था, जिसके आस पास मछली के पानी का छिड़काव किया गया था। पिंजरे में मांस भी रखा गया था। जिससे आकर्षित हो कर तेंदुआ खुद पिंजरे में आ गया। वन विभाग ने उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र के छाली गांव में 6 पिंजरे लगा रखे थे। आदमखोर पैंथर के पकड़ में आने के बाद ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।

उल्लेखनीय है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए टीमों ने हर वो तकनीक इस्तेमाल की जिसकी जरुरत थी। प्रदेश में मानसून का सीजन चल रहा है, जंगलों में घनी हरियाली है इसकी वजह से तेंदुए को ट्रैक करने के लिए ड्रोन की भी मदद ली गई थी। उसके पगमार्क को भी ट्रैक किया जा रहा था। उदयपुर स्थित सेना की एकलिंगगढ़ छावनी से सेना की टीमों ने अपने शक्तिशाली विजन ड्रोन से लेपर्ड की निगरानी की थी।

पांच दिन के भीतर तेंदुए ने एक महिला, एक पुरुष और एक बच्ची को अपना शिकार बनाया थ। ‘आदमखोर तेंदुए’ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने सेन की मदद ली थी। गोगुंदा में लेपर्ड का इतना खौफ था कि लोग उसके डर से घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। वन विभाग ने सेना के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चला कर लेपर्ड को पकड़ लिया है।

उल्लेखनीय है कि वन विभाग के आलाधिकारी लगातार मोर्चा संभाले हुए थे। दूसरी ओर आर्मी की टीम भी लगातार ड्रोन की मदद से चप्पा-चप्पा छान रही थी। पैंथर को पकड़ने के लिए 6 जगह पिंजरे लगाए गए थे। इनकी ड्रोन, नाइट विजन दूरबीनों के अलावा ट्रैप कैमरों से निगरानी की जा रही थी। वन विभाग ने पांचवें दिन पिंजरों के अंदर और बाहर बकरे का मांस रख। जगह-जगह मछलियों की गंध वाला पानी भी छिड़का। पैंथर को मछली पसंद है और इसकी तीखी गंध वह मीलों दूर से भांप लेता है। 

मंगलवार सुबह दो पिंजरे में दो पैंथर ट्रैप हो गए, जिसके बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। पैंथर ने शुक्रवार को छाली पंचायत के उमरिया गांव में हमेरी गमेती (50) का शिकार किया था। इससे पहले गुरुवार सुबह कमेड़, उंडीथल में 16 साल कमला गमेती और शाम को 500 मीटर दूर भेवड़िया में खुमाराम गमेती (45) को मार डाला था। शुक्रवार सुबह उसने उंडीथल गांव के बीड़ में बैल को मार दिया फिर शाम 6 बजे छाली पंचायत मुख्यालय के पीछे मगरे पर गाय का भी शिकार किया। यह जगह उंडीथल से करीब 3 किमी दूर है।



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