Delhi
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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ताजा हमला बोला। इस बार एलजी वीके सक्सेना ने बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज यौन उत्पीड़न मामले की जांच को लेकर सवाल उठाए। दिल्ली के उपराज्यपाल ने आरोप लगाया कि यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी प्रिंसिपल की ट्रांसफर फाइल को केजरीवाल ने पिछले 45 दिनों से रोक रखा है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से एलजी वीके सक्सेना से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की गई है।
उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Delhi’s Health Minister Saurabh Bhardwaj) बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में कथित यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर हंगामा कर रहे हैं। वह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाने की मांग कर रहे हैं जबकि प्रिंसिपल के ट्रांसफर की फाइल खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लगभग 45 दिनों से रोक कर रखी है।
सौरभ भारद्वाज ने 20 मार्च को एलजी वीके सक्सेना को लिखे एक नोट में प्रिंसिपल ईश्वर सिंह को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल इस मामले में पीड़ित लड़कियों के साथ असहयोग कर रहे थे। उन्होंने पीड़िताओं को आरोपियों के खिलाफ आगे बढ़ने से हतोत्साहित किया। प्रिंसिपल को पद से हटाने के फैसले में देरी को संबोधित करते हुए वीके सक्सेना ने दिल्ली में AAP सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor VK Saxena) ने कहा है कि जो बात दिल्ली सरकार की मंशा पर गंभीर संदेह पैदा करती है, वह यह है कि बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज से ईश्वर सिंह को हटाने/स्थानांतरित करने की फाइल 14 फरवरी से सीएम केजरीवाल के पास लंबित है। इस पर एनसीसीएसए की ओर से निर्णय लिया जाना है। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करते हैं। सदस्य सचिव (एनसीसीएसए) ने 7 मार्च और 13 मार्च को सीएम को इस बारे में रिमाइंडर भी भेजे थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है।