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Holika Dahan 2024 Time Shubh Muhrat holi kab hai

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Holika Dahan 2024 : भद्रा रहित प्रदोषकाल व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में होलिका दहन किया जाता है। यदि दो दिन पूर्णिमा प्रदोषव्यापिनी हो अथवा दूसरे दिन वह प्रदोष के एकदेश को व्याप्त करें तो पहले दिन भद्रादोष के कारण होलिका दहन दूसरे दिन ही किया जाता है। पंडित अमित तिवारी शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष संवत् 2080 वि. में पूर्णिमा 24 मार्च को प्रात: 9.55 बजे के बाद से प्रारम्भ होकर 25 मार्च को दोपहर 12.30 मिनट तक रहेगी। उन्होंने बताया कि भद्रा समाप्ति के पश्चात रात्रि 11. 13 मिनट से रात्रि 12.29 मिनट के मध्य में होलिकादहन का शुभ मुहूर्त।
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25 को चन्द्रग्रहण, नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
साल का पहला चन्द्र ग्रहण इस बार रंगवाली होली (25 मार्च) के दिन लगेगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी इस ग्रहण के दौरान चांद के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता। बस चांद थोड़ा मटमैला सा दिखता है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि उपछाया चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10.23 बजे शुरू होगा और दोपहर 3.02 बजे तक रहेगा। ग्रहण भारत में दिखाई भी नहीं देगा। इसलिए होली पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोई सूतक नहीं लगेगा।
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होलिका दहन का इतिहास-
होली का वर्णन बहुत पुराने समय से देखा जाता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी की एक तस्वीर मिली है। यह चित्र होली के उत्सव को दर्शाता है। इसी प्रकार विंध्य पर्वत के निकट रामगढ़ में 300 ईसा पूर्व का एक शिलालेख मिला है, जिसमें होली का वर्णन है। कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नाम की राक्षसी का वध किया था। उनकी जीत का जश्न मनाते हुए गोपियों ने उनके साथ होली मनाई।