Uttar Pradesh
ground breaking ceremony 4 winds of investment will flow in up 29 percent projects in purvanchal

Ground breaking ceremony-4: ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी के जरिए राज्य में 10 लाख 23 हजार 537 करोड़ की 14,619 परियोजनाओं की नींव रखी जाएगी। वहीं पूर्वांचल में 29 प्रतिशत, मध्यांचल में 14 प्रतिशत और बुंदेलखंड में 5 प्रतिशत निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। सबसे ज्यादा परियोजना वाला जिला गौतमबुद्ध नगर है।
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेश परियोजनाओं की शुरुआत होगी। इसमें 19 जिले तो ऐसे हैं जिन्होंने निवेश लक्ष्य का शत प्रतिशत से भी ज्यादा हासिल किया। इसमें एटा ने 354 प्रतिशत, सीतापुर ने 145 प्रतिशत, शाहजहांपुर ने 127 प्रतिशत, सोनभद्र ने 121 प्रतिशत, चंदौली ने 117 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद ने 114 प्रतिशत, मीरजापुर ने 113 प्रतिशत, हरदोई ने 111 प्रतिशत, अमेठी ने 108 प्रतिशत, बाराबंकी ने 108 प्रतिशत, फतेहपुर, गोंडा ने 105 प्रतिशत, बरेली ने 104 प्रतिशत, रामपुर ने 103 प्रतिशत, बहराइच ने 101 प्रतिशत और लखीमपुर खीरी, भदोही व बिजनौर ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है।
अब तक हुए दो निवेश सम्मेल व 3 जीबीसी
योगी सरकार ने फरवरी-2018 में पहले यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपये के 1,045 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद जुलाई-2018 में प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह तथा जुलाई 2019 में दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया, जिसमें क्रमश: 61,792 करोड़ रुपये के निवेश वाली 81 परियोजनाओं तथा 67,202 करोड़ रुपये के निवेश वाली लगभग 290 परियोजनाओं का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया। जून 2022 में, ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 80,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली 1,400 से अधिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया।
आकांक्षात्मक जिले बने विकास का ग्रोथ इंजन
यूपी का सोनभद्र, चंदौली जिला, जो कभी देश में नक्सलियों से प्रभावित था, आज प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसके अलावा डकैतों के आतंक से प्रभावित चित्रकूट और पिछड़ा जिला होने का दंश झेल रहे सिद्धार्थनगर, बहराइच, फतेहपुर, श्रावस्ती और बलरामपुर ने बड़ी संख्या में निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोटे जिलों को विकास से जोड़ने की मुहिम का ही असर है।
वहीं पहले इन जिलों में अव्यवस्था और नक्सल-दस्यु गतिविधियों के चलते उद्योग जगत यहां बड़ा निवेश करने से कतराते रहे हैं। हालांकि, अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, दुर्गम और हाशिये वाले क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और बेहतर कनेक्टिविटी से ये जिले यूपी के विकास के ग्रोथ इंजन बनने जा रहे हैं।
निवेश परियोजनाओं में सेक्टरवार हिस्सा (प्रतिशत में)
सेक्टर हिस्सेदारी
कृषि 0.37
पशुधन 0.25
आटोमोबाइल व 0.33
इलेक्ट्रिक व्हीकल
बायोफ्यूल बायोमास 0.82
डेयरी 1.04
रक्षा 0.55
डिस्टलरी 0.84
शिक्षा 2.96
इलेक्ट्रानिक्स निर्माण 5.27
वित्तीय सेवाएं 0.12
खाद एवं रसद 1.08
सेक्टर हिस्सेदारी
खाद्य प्रसंस्करण 6.01
हेल्थकेयर 2.73
आतिथ्य व मनोरंजन 2.78
हाउसिंग 19.34
आईटी 9.96
लाजिस्टिक व वेयरहाउस 7.83
निर्माण 12.46
फार्मा 0.45
पावर 7.49
नवीकरण ऊर्जा 14.91
हथकरघा 1.28
लकड़ी आधारित उद्योग 1.00