Madhya Pradesh
NHRC send notice to MP Chief Secretary and DGP for action on Harda blast case

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मंगलवार को मध्य प्रदेश के हरदा जिले में बड़ा हादसा हुआ था। यहां एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में 200 लोग घायल भी हुए थे। अब इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में एमपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी जवाब मांगा है। नोटिस जारी करते हुए आयोग ने चार सप्ताह का समय दिया है।
क्या जानना चाहता है NHRC
आयोग ने हरदा विस्फोट मामले में नोटिस जारी करते हुए कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। आयोग ने मामले में एफआईआर की स्थिति, हादसे में पीड़ितों की हालत और उनके इलाज पर अपडेट मांगा है। इसके साथ ही आयोग ने विस्फोट से पीड़ित हुए लोगों के परिवारों की स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में आयोग डीजीपी और प्रदेश के मुख्य सचिव से इस हादसे में लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है। आयोग ने भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी जानकारी मांगी है।
हरदा की इस हृदयविदारक घटना को चार दिन बीत चुके हैं। पटाखा कारखाने के चार कर्माचारी अब भी लापता बताए जा रहे हैं। इस मामले पर जानकारी देते हुए हरदा के डिवीजनल कमिश्नर पवन शर्मा ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि अभी हादसा स्थल से मलबा हटाया जा रहा है।
इस मामले पर स्थानीय किसानों ने पटाखों के नहर में फेंकने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने आरोप लगाया कि आरोपी के ठिकानों से जब्त किया गया बारूद और पटाखा स्थानीय नहर में फेंका जा रहा है। किसानों का कहना है कि इस नहर के पानी से खेतों की सिंचाई की जाती है। ऐसे में बारूद वाला पानी खेतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस मामले में एक स्थानीय युवक ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका परिषद के तीन कर्मचारियों ने सरकारी में गाड़ी में भरकर हजारों सुतली बम नहर में फेंके हैं। इस मामले पर राजस्व अधिकारी वीरेंद्र उइके ने कहा कि पटाखों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था, नहर में फेंकने के लिए नहीं कहा गया था। उन्होंने इस मामले पर नजर रखने को कहा है।