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Uttarakhand

आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों की संख्या पहुंची पांच हजार के करीब, परिंदों को देखने उमड़ रही पर्यटकों की भीड़।

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देहरादून – देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व व उत्तराखंड के प्रथम रामसर साइट आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों की संख्या पांच हजार के करीब हो गई है। जिनकी विधिवत गणना पक्षी विशेषज्ञों द्वारा जनवरी में की जाएगी। प्रवासी परिंदों की अठखेलियां देखने को पर्यटकों के उमड़ने से जीएमवीएन रिसॉर्ट की आय भी बढ़ रही है।

आसन वेटलैंड में अक्टूबर में प्रवासी परिंदों की आमद शुरू हो जाती है, जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, वैसे ही परिंदों की संख्या में भी इजाफा होता है। अप्रैल प्रथम सप्ताह तक सभी प्रवासी परिंदे अपने मूल स्थान को लौट जाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी सबसे पहले सुर्खाब ही आसन नमभूमि में पहुंचे, जिनकी संख्या सबसे अधिक दिखाई दे रही है।

परिंदों की वजह से बढ़ी थी आय

वर्ष 2023 जनवरी में हुई गणना में आसन रामसर साइट में 42 प्रजातियों के प्रवास पर आए 4642 परिंदों के कारण गढ़वाल मंडल विकास निगम के रिसॉर्ट व बोटिंग सेंटर की आय भी बढ़ी, क्योंकि प्रवासी परिंदों का कलरव देखने, रंग-बिरंगे परिंदों को कैमरे में कैद करने के लिए भारी संख्या में पक्षी प्रेमी व पर्यटक उमड़े थे। जिन्होंने बोट का सहारा लेकर प्रवासी परिंदों को नजदीक से निहारा।

इस बार अधिक है प्रवासी परिंदों की संख्या

इस बार प्रवासी परिंदों की संख्या पहले से अधिक दिखाई दे रही है। प्रवासी परिंदों ने आसन के अलावा डाकपत्थर बैराज झील को भी अपना आशियाना बनाया हुआ है, लेकिन डाकपत्थर में बैराज किनारे जालियां लगा देने से पक्षी प्रेमी आसन नमभूमि में ही आकर प्रवासी परिंदों की अठखेलियां कैमरों में कैद करते हैं।

गढ़वाल क्षेत्र में तीन स्थानों पर आते हैं प्रवासी परिंदे

आसन रामसर साइट के अलावा प्रवासी परिंदे भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार व वीरभद्र बैराज ऋषिकेश में भी आते हैं। लेकिन आसन रामसर साइट में परिंदों के लिए मड टापू, घास के झुरमुट, यमुना व आसन नदियों का शुद्ध जल अनुकूल वातावरण बनाता है। यही वजह है कि आसन रामसर साइट में हर साल प्रवासी परिदों की संख्या में इजाफा होता है। परिंदों के लिए डाकपत्थर बैराज झील भी नया प्रवास स्थल पिछले कुछ साल से बन गया है। प्रवास के लिए दो झील मिलने की वजह से कई प्रजातियों के परिंदों की संख्या भी बढ़ रही है।

गश्त कर रही है टीम

चकराता वन प्रभाग के डीएफओ मयंक शेखर झा के निर्देश पर आसन रेंज की टीम रात दिन गश्त कर रही है, ताकि परिंदों को कोई नुकसान न पहुंचा पाए। वन दारोगा प्रदीप सक्सेना के अनुसार आसन रामसर साइट में अभी तक प्रवासी परिंदों की संख्या करीब पांच हजार हो गई है। जिनकी विधिवत गणना जनवरी 24 में होगी।

इन प्रजातियों के परिंदे बनते हैं उत्तराखंड के मेहमान

बार हेडेड गूज, कॉमन कूट, पलास फिश ईगल, रुडी शेलडक यानी सुर्खाब, बार हेडेड गूज, नार्दर्न शावलर, गैडवाल, यूरेशियन विजन, इंडियन स्पॉट बिल्ड डक, मलार्ड, नार्दन पिनटेल्स, ग्रीन बिंग टेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कामन पोचार्ड, फेरीजिनस डक, टफ्टड डक, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, यूरेशियन मोरहेन, यूरेशियन कूट, ग्रे हेडेड स्पामहेन, व्हाइट ब्रेस्टेड लैपविंग,कामन सेंडपाइपर, कॉमन ग्रीन, पलास फिश ईगल, एशियन वूली नेक्टड, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल कारमोरेंट, इंडियन कारमोरेंट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, पर्पल हेरोन, ग्रेट इग्रेट, इंडियन पांड हेरोन, स्टार्क बिल्ड किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइड किंगफिशर, प्लमबियस, व्हाइट कैप्टड, व्हाइट ब्राउड, व्हाइट वेगटेल, पाडीफील्ड पिपिट आदि प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर आकर उत्तराखंड के मेहमान बनते हैं।

आसन वेटलैंड में कब कितने परिंदे आए

  • वर्ष – प्रजाति – परिंदे
  • 2015 – 48 – 5796
  • 2016 – 84 – 5635
  • 2017 – 60 – 4569
  • 2018 – 61 – 6008
  • 2019 – 69 – 6170
  • 2020 – 50 – 4466
  • 2021 – 55 – 4497
  • 2022 – 49 – 5680
  • 2023 – 42 – 4642
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