Uttarakhand
उत्तराखंड को साइबर अपराधों में जांच के लिए अब अन्य राज्यों पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर, जल्द मिलेगी अपनी फॉरेंसिक लैब।
देहरादून – साइबर अपराधों में जांच के लिए अब उत्तराखंड पुलिस को केंद्रीय फॉरेंसिक लैब या अन्य प्रदेशों की लैब पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। जल्द ही प्रदेश को अपनी फॉरेंसिक लैब मिल जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार से चार करोड़ रुपये का बजट मंजूर हो गया है। इसमें से सवा करोड़ रुपये बतौर लिमिट जारी भी कर दिए गए हैं।
पकरणों की खरीद और विशेषज्ञों की भर्ती की होगी
मगर, चंडीगढ़ लैब के ऊपर चंडीगढ़ पुलिस के मामलों की जांच करने की प्राथमिकता रहती है। इसके बाद वह पंजाब और हरियाणा पुलिस को तरजीह देते हैं। ऐसे में उत्तराखंड या अन्य प्रदेशों की पुलिस का नंबर बहुत बाद में आता है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कई बार जांच रिपोर्ट देरी से आने में मुकदमों की जांच भी प्रभावित होती है। कोर्ट में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी दबाव रहता है। ऐसे में पिछले साल साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था।
इस क्रम में पिछले दिनों केंद्र सरकार से पुलिस आधुनिकीकरण बजट से चार करोड़ रुपये मंजूर किए थे।डीआईजी पुलिस आधुनिकीकरण सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस के अनुसार इनमें से करीब सवा करोड़ रुपये बतौर लिमिट जारी भी कर दिए गए हैं। जल्द ही उपकरणों की खरीद और विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी।