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इंजेक्शन लगाते ही मुंह से निकलने लगा झाग, राजस्थान में बुखार से पीड़ित 7 साल के बच्चे की मौत

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इंजेक्शन लगाते ही मुंह से निकलने लगा झाग, राजस्थान में बुखार से पीड़ित 7 साल के बच्चे की मौत


राजस्थान के बूंदी जिले में बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित एक बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गई। एक निजी क्लीनिक में हुए घटना के बाद बच्चे के परिवार के लोगों ने क्लिनिक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने डॉक्टर पर गलत दवा देने का आरोप लगाया।

राजस्थान के बूंदी जिले में बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित एक बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गई। एक निजी क्लीनिक में हुए घटना के बाद बच्चे के परिवार के लोगों ने क्लिनिक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने डॉक्टर पर गलत दवा देने का आरोप लगाया। वहीं, डॉक्टर का कहना था कि बच्चे की मौत पिछली एलर्जी की प्रतिक्रिया से हुई थी, जिसके बारे में उसकी मां ने नहीं बताया था।

पुलिस ने कहा कि बूंदी जिले में एक सेवानिवृत्त बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा संचालित एक निजी क्लिनिक में एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने के बाद सात वर्षीय लड़के की एलर्जी के कारण मौत हो गई। लड़के के परिवार ने क्लिनिक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और डॉक्टर पर गलत दवा देने का आरोप लगाया।

कानाहेड़ा गांव के कुंज मीना को बुखार, खांसी व सर्दी की शिकायत पर गुरुवार दोपहर बूंदी स्थित क्लिनिक में लाया गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केसी गगरानी ने कहा कि उन्होंने बच्चे की मां को दवा का पर्चा लिखकर दिया था। लेकिन, उन्होंने तत्काल राहत के लिए लड़के को इंजेक्शन देने पर जोर दिया।

डॉक्टर ने कहा कि उनके अनुरोध पर स्टाफ ने एंटीबायोटिक्स (सीफेरिक्सोन) की सामान्य खुराक दी। डॉ. गगरानी ने कहा कि इंजेक्शन देने के तुरंत बाद लड़के के मुंह से झाग निकलने लगा और वह बेहोश हो गया। तमाम प्रयासों के बावजूद वह एनाफिलेक्टिक शॉक में चला गया।

उन्होंने कहा, “मैंने अपने 40 साल के मेडिकल करियर में एनाफिलेक्टिक शॉक का यह दूसरा मामला देखा है। पहला मामला 1980 में तलेरा के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा था।” उन्होंने कहा कि किसी को एनाफिलेक्टिक शॉक से बचाना असंभव जैसा है।

डॉ. गगरानी ने कहा कि लड़के की हालत बिगड़ने के बाद ही उसकी मां ने उसे तीन दिन पहले अपने गांव में एक इंजेक्शन दिए जाने के बाद हुई एलर्जी की प्रतिक्रिया के बारे में बताया। डॉक्टर ने कहा कि इंजेक्शन से उनकी त्वचा पर रिएक्शन हुआ और यही घातक शॉक का कारण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर उसकी मां ने इस बारे में पहले ही बता दिया होता तो उसे एंटीबायोटिक्स की इंजेक्शन देने से बचा जा सकता था। शॉक में आने के बाद लड़के को बूंदी जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

बूंदी सिटी पुलिस स्टेशन के एसएचओ तेजपाल ने बताया कि लड़के की मां की शिकायत पर पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 194 के तहत संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है।



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