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Uttarakhand

6 राजनीतिक दलों को डीलिस्ट किया, 11 निष्क्रिय दलों को निर्वाचन आयोग ने थमाया नोटिस

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6 राजनीतिक दलों को डीलिस्ट किया, 11 निष्क्रिय दलों को निर्वाचन आयोग ने थमाया नोटिस





उत्तराखंड में निष्क्रिय राजनीतिक दलों पर निर्वाचन आयोग की बड़ी कार्रवाई — 6 दल डीलिस्ट, 11 को नोटिस, पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम

देहरादून: भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखण्ड में निष्क्रिय हो चुके 6 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को 9 अगस्त 2025 को डीलिस्ट कर दिया है। ये वे दल हैं जो पिछले छह वर्षों से न तो किसी चुनाव में शामिल हुए और न ही उनके पते का भौतिक सत्यापन हो पाया। आयोग ने इन दलों को आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिन के भीतर अंतिम अपील का अवसर भी प्रदान किया है।

डीलिस्ट किए गए 6 राजनीतिक दल:

  1. भारतीय जनक्रान्ति पार्टी – जनपद देहरादून

  2. हमारी जनमंच पार्टी – जनपद देहरादून

  3. मैदानी क्रान्ति दल – जनपद देहरादून

  4. प्रजा मण्डल पार्टी – जिला पौड़ी गढ़वाल

  5. राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी – जनपद हरिद्वार

  6. राष्ट्रीय जन सहाय दल – जनपद देहरादून

दूसरे चरण में 11 दलों को भेजा गया नोटिस:
निर्वाचन आयोग ने राज्य में 6 वर्षों से निष्क्रिय 11 अन्य पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दलों को 27 अगस्त 2025 तक जवाब देने का समय दिया गया है, जिसके बाद अंतिम निर्णय डीलिस्टिंग पर लिया जाएगा। यह कार्रवाई लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत की जा रही है।

नोटिस प्राप्त 11 दल:

  1. भारत कौमी दल – ग्राम लाठरदेवा हुण, झबरेड़ा, हरिद्वार

  2. भारत परिवार पार्टी – करछा, ज्वालापुर, हरिद्वार

  3. भारतीय मूल निवासी समाज पार्टी – भगत सिंह कॉलोनी, देहरादून

  4. भारतीय सम्राट सुभाष सेना – कनखल, हरिद्वार

  5. भारतीय अन्तोदय पार्टी – प्रीत विहार, देहरादून

  6. भारतीय ग्राम नगर विकास पार्टी – आमवाला तल्ला, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून

  7. गोरखा डेमोक्रेटिक फ्रंट – मोहब्बेवाला, देहरादून

  8. पीपल्स पार्टी – सुभाष नगर, रुड़की, हरिद्वार

  9. प्रजातंत्र पार्टी ऑफ इंडिया – रामनगर, नैनीताल

  10. सुराज सेवा दल – फतेहपुर, हल्द्वानी, नैनीताल

  11. उत्तराखण्ड जनशक्ति पार्टी – हरिद्वार बायपास रोड, देहरादून

निर्वाचन आयोग का उद्देश्य इस कवायद के जरिए राजनीतिक व्यवस्था का शुद्धिकरण और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।





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