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Uttarakhand

48 घंटे में बैली ब्रिज तैयार, हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू

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48 घंटे में बैली ब्रिज तैयार, हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू

मसूरी-देहरादून मार्ग पर राहत: 48 घंटे में बैली ब्रिज तैयार, हल्के वाहनों की आवाजाही शुरूमसूरी: उत्तराखंड के मसूरी में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण मसूरी-देहरादून मुख्य मार्ग पूरी तरह ठप हो गया था। शिव मंदिर के पास स्थित मुख्य पुल के क्षतिग्रस्त होने से दोनों शहरों के बीच आवाजाही बंद हो गई थी। लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने राहत की सांस दी है। मात्र 48 घंटों में एक वैकल्पिक बैली ब्रिज तैयार कर मार्ग को आंशिक रूप से खोल दिया गया है। बुधवार देर शाम 9 बजे से दोपहिया और हल्के चारपहिया वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।

48 घंटे में बैली ब्रिज तैयार

प्राकृतिक आपदा की चुनौतियों के बावजूद प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और सरकार ने मिलकर असंभव को संभव कर दिखाया। बाढ़ और भूस्खलन के बीच 48 घंटों में एक मजबूत बैली ब्रिज बनाकर मार्ग को आंशिक रूप से चालू कर दिया गया। यह अस्थायी ढांचा हल्के वाहनों के लिए सुरक्षित है और मसूरी-देहरादून की कनेक्टिविटी को बहाल करने में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।

सावधानी के साथ करें यात्रा

जब बैली ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, तब एसडीएम मसूरी राहुल आनंद मौके पर मौजूद थे। उन्होंने यात्रियों से धैर्य और सावधानी के साथ पुल पार करने की अपील की। उन्होंने बताया कि यह ब्रिज प्रशासन और PWD की दिन-रात की मेहनत का परिणाम है। फिलहाल केवल दोपहिया और हल्के चारपहिया वाहन ही इस पुल का उपयोग कर सकते हैं। यात्रियों को मौसम की जानकारी लेने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह भी दी गई।

स्थानीय और पर्यटकों में राहत

बैली ब्रिज चालू होने से मसूरी के स्थानीय निवासी और पर्यटक दोनों ही राहत महसूस कर रहे हैं। मसूरी की अर्थव्यवस्था, जो पर्यटन पर निर्भर है, मार्ग बंद होने से ठप हो गई थी। स्थानीय दुकानदार रमेश थपलियाल ने कहा, “रास्ता बंद होने से व्यापार पूरी तरह ठप था। बैली ब्रिज ने उम्मीद जगाई है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है।” होटल व्यवसायियों और व्यापारियों ने भी सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।

बैली ब्रिज क्या है?

बैली ब्रिज एक अस्थायी लेकिन मजबूत संरचना है, जिसे आपातकालीन स्थितियों जैसे युद्ध या प्राकृतिक आपदा में तेजी से बनाया जाता है। यह लोहे के पैनलों से निर्मित होता है और हल्के वाहनों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। इसका उपयोग तब तक किया जाता है, जब तक स्थायी पुल का निर्माण या मरम्मत नहीं हो जाती।

भारी वाहनों पर रोक, सावधानी जरूरी

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि बैली ब्रिज फिलहाल केवल दोपहिया और हल्के चारपहिया वाहनों के लिए खोला गया है। बसों, ट्रकों और अन्य भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। मौसम की अस्थिरता और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए यात्रियों से केवल अत्यावश्यक यात्रा करने की अपील की गई है।

एसडीएम राहुल आनंद ने कहा कि प्रशासन जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। मलबा हटाने और सड़कों को पूरी तरह बहाल करने का काम भी तेजी से चल रहा है। यह बैली ब्रिज मसूरी और देहरादून के बीच कनेक्टिविटी बहाल करने में अहम कदम है, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को फिर से गति मिलेगी।



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