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Uttarakhand

23 अक्टूबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट

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रुद्रप्रयाग: विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में इस यात्रा सीजन में अब तक 15 लाख 85 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। प्रतिदिन औसतन 4,000 भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि इस बार यात्रियों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में जहां करीब 19 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा अब तक उससे पीछे है।

23 अक्टूबर को भैया दूज पर बंद होंगे कपाट

इस बार केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर, भैया दूज के पर्व पर बंद किए जाएंगे। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कपाट कुछ दिन पहले बंद हो रहे हैं, जिससे यात्रा की अवधि भी कम हो गई है। अब यात्रा को समाप्त होने में लगभग 25 दिन का समय शेष है। स्थानीय लोगों और पर्यटन व्यवसायियों को उम्मीद है कि इन शेष दिनों में यात्रियों की संख्या में तेजी आएगी।

यदि अगले 25 दिनों में एक लाख और यात्री पहुंचते हैं तो कुल आंकड़ा 17 लाख के आसपास पहुंच सकता है, लेकिन वर्तमान रुझान को देखते हुए ऐसा होने की संभावना कम दिखाई दे रही है।


हेली सेवा और घोड़ा-खच्चर सेवा पर असर

गौरीकुंड से केदारनाथ तक घोड़े-खच्चर और मजदूरों की आवाजाही भी अब घटने लगी है। साथ ही, हेली सेवा के लिए भी यात्रियों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इसका एक संभावित कारण हेली सेवा का बढ़ा हुआ किराया हो सकता है।

इसके अलावा, यात्रा इस समय इतनी सहज हो गई है कि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ रहा है, और सुबह से शाम तक आसानी से दर्शन हो रहे हैं।


केदारनाथ हाईवे की हालत बेहद खराब

यात्रा की सुगमता में सबसे बड़ी बाधा बनी है केदारनाथ हाईवे की खराब हालत। खासकर रामपुर, डोलिया देवी, सोनप्रयाग और मुनकटिया के पास हाईवे की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। कई स्थानों पर भूस्खलन और बोल्डर गिरने का खतरा लगातार बना हुआ है।

रामपुर के पास हाईवे लगातार नीचे धंस रहा है, और भारी वाहन यहां फंसते देखे जा रहे हैं जिन्हें जेसीबी से खींचकर बाहर निकाला जा रहा है। डोलिया देवी के पास मानसून में गिर चुके बोल्डरों ने डामरीकरण को बर्बाद कर दिया है, जिससे सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं।


स्थानीय होटल व्यवसायियों की चिंता

केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि बरसात खत्म होने के बावजूद सड़कें डेंजर बनी हुई हैं। उन्होंने चेताया कि यदि अगले यात्रा सीजन से पहले हाईवे की मरम्मत नहीं हुई, तो श्रद्धालुओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

उन्होंने मांग की है कि कपाट बंद होते ही एनएच विभाग युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू करे, ताकि 2026 की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके।



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