Uttarakhand
2004 Lok Sabha elections 50 percent voting not done
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2004 लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी भी नहीं मतदान, कम वोटिंग फीसदी की क्या थी वजह? सब हैरान
उत्तराखंड में चुनावों की संख्या के साथ मतदाताओं की तादात में हर पांच वर्ष में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2004 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में 50 फीसदी भी मतदान नहीं हुआ था।
कम वोटिंग फीसदी ने सबको हैरान कर दिया था। खुशी की बात यह है कि मतदाताओं की बढ़ती तादात के बीच उत्तराखंड में वोट प्रतिशत भी बढ़ रहा है। राज्य गठन के बाद पहले और वर्ष 2019 में संपन्न हुए चौथे लोकसभा चुनाव के बीच प्रदेश में मतदान करने वालों की संख्या में 14.81 फीसदी का इजाफा हुआ है।
उत्तराखंड में वर्ष 2004 लोकसभा चुनाव के बाद करीब 29 लाख से अधिक मतदाता बढ़े हैं। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक राज्य गठन के बाद संपन्न हुए पहले लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 55 लाख 62 हजार 637 थी, वहीं पांच वर्ष बाद वर्ष 2009 में 3 लाख 25 हजार 87 मतदाता बढ़कर यह संख्या 58लाख 87हजार 724 पहुंच गई।
अगले लोकसभा चुनाव में भी मतदाताओं की इस संख्या में वृद्धि जारी रही। वर्ष 2014 में मतदाताओं की तादात 71 लाख के पार हो गई। वर्ष 2019 में लोस चुनाव आते-आते मतदाताओं की संख्या 78 लाख 56हजार 318 हो गई। वर्तमान में प्रदेश में 84.14लाख मतदाता हैं।
वर्ष 2004 में 50फीसदी भी नहीं पहुंचा मतदान
उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद पहली बार वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव हुए। तब केवल 48.07फीसदी मतदाताओं ने ही मताधिकार का प्रयोग किया।
वर्ष 2009 में मतदान बढ़कर 53.43 पहुंचा। वर्ष 2014 में भी मतदान करने वालों की संख्या में तेजी देखने को मिली। 61.67 फीसदी मतदान हुआ। वर्ष 2019 में भी मतदान में वृद्धि हुई। यह वृद्धि 0.21 फीसदी ही हुई।