Uttarakhand
18 करोड़ की जीएसटी चोरी करने वाला मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार, जीएसटी एक्ट के तहत यह पहली गिरफ्तारी।
राज्य कर विभाग की एसआईटी ने चार मार्च को जसपुर के लकड़ी काबारियों के 27 प्रतिष्ठानों, आवास, ट्रांसपोटर्स, अधिवक्ताओं और चाटर्ड अकाउंटेंट के दफ्तरों पर छापा मारा था। टीम ने 100 करोड़ के टर्नओवर पर 18 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी। टीम ने पाया था कि फर्जी फर्मों के जरिए कारोबार कर जीएसटी चोरी की जा रही थी। टीम के हत्थे चढ़ने से पहले ही मुख्य आरोपी शाहनवाज हुसैन अपने घर से फरार गया था। इसके बाद टीम ने प्रशासन के सहयोग से उसके घर को सील कर दिया था।
15 मई को प्रशासन की मौजूदगी में उसका घर खोलकर विभिन्न फर्मों के बिल, ईवे बिल, बैंक पासबुक, चैकबुक, एटीएम कार्ड, मुहर, कांटा पर्चियां और मोबाइल फोन बरामद हुए थे। इसके अलावा कुछ फर्मों के बोर्ड भी मिले थे। टीम को कार्रवाई में दूसरी जगहों से मोबाइल फोन, लैपटाॅप, सिम कार्ड, हार्ड डिस्क, पैन डाईव, सीसीटीवी डाटा भी मिला था।
रविवार को एसटीएफ ने जसपुर में चल रहे इस रैकेट के मुख्य आरोपी शाहनवाज हुसैन को जसपुर से गिरफ्तार किया। जीएसटी एक्ट के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया।
अपर आयुक्त कुमाऊं जोन राकेश वर्मा ने बताया कि इस प्रकरण में लिप्त टैक्स चोरी करने वाले अन्य व्यापारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। टीम में संयुक्त आयुक्त ठाकुर रणवीर सिंह, उपायुक्त रजनीश यशवस्थी, विनय कुमार पांडेय, सहायक आयुक्त टीका राम चन्याल, राहुल कान्त आर्या, राज्य कर अधिकारी अनिल सिंह चौहान, नवीन काण्डपाल, मुकेश पांडे शामिल थे।
अकेले संचालित करता था 15 फर्म
18 करोड़ की जीएसटी चोरी का मुख्य आरोपी शाहनवाज लकड़ी कारोबारी है। वह फर्जी बिल बेचने के साथ ही खुद भी 15 फर्जी फर्में चलाता था। इन फर्मों में केवल कागजों में ही माल खरीदा बेचा जाता था। इसके जरिए शाहनवाज आईटीसी का लाभ लेता था। उसने फर्जी कारोबार का नेटवर्क खड़ा कर रखा था।
अब तक जमा हो चुके हैं दो करोड़
जसपुर में पकड़ी गई जीएसटी चोरी में कई व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और अन्य लोग शामिल थे। राज्य कर विभाग ने छानबीन कर लोगों को नोटिस दिए थे। विभाग के अनुसार 30 से अधिक लोगों की लिप्तता की जानकारी होने के बाद नोटिस भेजे गए थे। जिनमें अब तक दो करोड़ रुपये टैक्स जमा हो चुका है।
शाहनवाज को भेजे गए थे तीन सम्मन
राज्य कर विभाग की एसआईटी की ओर से पकड़ी गई टैक्स चोरी में मुख्य आरोपी के रूप में सामने आने के बाद शाहनवाज फरार हो गया था। विभाग की ओर से शाहनवाज को बयान दर्ज कराने के लिए दो सम्मन भेजे गए थे लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद उसे तीसरा सम्मन भेजा गया था लेकिन उसके नहीं आने पर टीम ने उसे जसपुर से धर दबोचा और कोर्ट में पेश किया।
व्यापारियों को बेचता था फर्जी बिल
बेहद शातिर शाहनवाज फर्मों के फर्जी बिल तैयार करता था। इन बिलों को संबंधित व्यापारियों को बेचा करता था। फर्जी बिलों को लगाने से व्यापारियों को जीएसटी नहीं देनी पड़ती थी और फर्जी बिल की एवज में शाहनवाज मोटी रकम वसूलता था। इनमें शाहनवाज और उसके साथ लोग गरीब लोगों के पैन कार्ड बनवाते थे। उन पेन कार्ड के जरिए फर्जी फर्म और बैंक में खाते खुलवाते थे। सैकड़ों फर्जी फर्म बनाई गई थीं। इनमें से ज्यादातर गरीब और मजदूर किस्म के लोगों को उनके दस्तावेजों के इस्तेमाल की जानकारी तक नहीं थी। इस मामले में 15 से अधिक बैंकों के 300 खातों को सीज किया गया था।