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कांग्रेस की योजना, भाजपा कैसे करे पूरा; राजस्थान में कबाड़ हो रहे सालभर पहले खरीदे 1500 स्कूटर

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कांग्रेस की योजना, भाजपा कैसे करे पूरा; राजस्थान में कबाड़ हो रहे सालभर पहले खरीदे 1500 स्कूटर


राजस्थान में कालीबाई भील स्कूटी योजना के तहत छात्राओं को बांटने के लिए खरीदे गए डेढ़ हजार से ज्यादा नए स्कूटर खुले में पड़े धूल खा रहे हैं और अनुपयोगी होने के कारण धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं। इस योजना के तहत छात्राओं को बांटे जाने के लिए बांसवाड़ा के दो कॉलेजों में ये स्कूटर खड़े हुए हैं, जिन्हें कमजोर आर्थिक वर्ग की होनहार छात्राओं को बांटा जाना था। यह योजना साल 2020 में कांग्रेस सरकार में शुरू की गई थी, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद इन स्कूटरों का वितरण नहीं किया जा सका।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार छात्राओं को बांटने के लिए खरीदे गए इन स्कूटरों में से हर एक की कीमत 80 हजार रुपए है, और इस तरह डेढ़ हजार स्कूटरों की कीमत के रूप में करदाताओं के करीब 12 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। हैरानी की बात यह है कि साल 2023 में खरीदे जाने के बाद से ही ये स्कूटर विद्यामंदिर कॉलेज और हरदेव जोशी गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज के मैदान में खुले में खड़े हुए हैं और अनुपयोगी होने की वजह से कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं।

इन स्कूटरों को देने के लिए तय पात्रता के अनुसार लड़कियों के परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम होनी चाहिए थी, साथ ही राज्य बोर्ड की परीक्षाओं में 65% या इससे अधिक व CBSE की कक्षा 10वीं या 12वीं परीक्षाओं में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को यह स्कूटर दिए जाने थे।

अधिकारियों ने NDTV को बताया कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में सरकार बदलने की वजह से इन स्कूटरों का वितरण नहीं हो सका है। अधिकारियों के अनुसार पात्र छात्राओं को स्कूटर आवंटित करने के लिए एक क्यूआर कोड की जरूरत पड़ती है, हालांकि इस मामले में स्कूटरों के लिए यह प्रक्रिया अभी तक शुरू ही नहीं हुई है। दरअसल स्कूटर बांटने की यह योजना अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय की है जबकि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद सरकार की तरफ से ध्यान नहीं देने की वजह से स्कूटरों का वितरण नहीं हो सका।

इस बारे में जानकारी देते हुए हरदेव जोशी गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सरला पंड्या ने NDTV को बताया, ‘योजना के तहत स्कूटी वितरित करने के लिए हम नोडल कॉलेज हैं। पिछले साल आदर्श आचार संहिता लगने के कारण स्कूटरों को वितरित नहीं किया जा सका था और अब हम वित्त विभाग से क्यूआर कोड जारी करते हुए हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।’

स्कूटर बांटने में हो रही देरी को लेकर राजस्थान की भाजपा सरकार को विपक्ष की आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। भारत आदिवासी पार्टी के बांसवाड़ा सांसद राज कुमार रोत ने कहा, ‘यह इस सरकार की आपराधिक लापरवाही है, स्कूटर लाभार्थियों तक पहुंचने के बजाय जंग खा रहे हैं और कबाड़ बन रहे हैं। यह बहुत दुखद है कि सरकार इस स्थिति की निगरानी नहीं कर रही है।’

उधर मामला सामने आने के बाद राजस्थान के आदिवासी कल्याण मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने सप्ताह भर के अंदर स्कूटर वितरित करने का दावा किया, हालांकि अबतक हुई इस देरी के लिए वे कोई कारण नहीं बता सके। खराड़ी ने लापरवाही बरतने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।



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