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राजस्थान में पॉवर प्लांट के लिए 15 लाख पेड़ों को काटने की तैयारी, विरोध में यह कदम उठा रहे लोग

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राजस्थान में पॉवर प्लांट के लिए 15 लाख पेड़ों को काटने की तैयारी, विरोध में यह कदम उठा रहे लोग


केंद्र सरकार राजस्थान के कई इलाकों में वन भूमि पर पम्प स्टोरेज पॉवर प्लांट लगाने जा रही है, जिसके लिए लगभग 15 लाख पेड़ काटे जाएंगे। सरकार इसके लिए अनुमति भी दे चुकी है। ऐसे में सरकार के इस कदम के विरोध और लाखों पेड़ों को कटने से रोकने के लिए भीलवाड़ा की संस्था भारतीय सांस्कृतिक निधि इन्टेक ने शनिवार को पोस्टकार्ड अभियान शुरू किया, जिसके तहत राजस्थान से 51 हजार पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे जाएंगे।

इस बारे में जानकारी देते हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं इंटेक संयोजक बाबूलाल जाजू ने बताया कि देश की प्राकृतिक विरासत लाखों पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए इन्टेक द्वारा यहां कुमुद विहार में बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को भीलवाड़ा से 5100 एवं प्रदेश से 51 हजार पोस्टकार्ड भेजने का शुभारंभ किया गया।

जाजू ने बताया कि प्रदेश में जंगलों की स्थिति अत्यधिक दयनीय होने के बावजूद केन्द्र सरकार ने सिरोही, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, करौली, बूंदी, टोंक, शाहबाद सहित 17 स्थानों पर वन भूमि में पम्प स्टोरेज पॉवर प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की है। इस प्लांट की स्थापना से प्रदेश में 4800 हेक्टेयर भूमि से लगभग 15 लाख पेड़ कटेंगे।

उन्होंने बताया कि ‘पूर्व में प्रदेश में 13.5 प्रतिशत भू-भाग पर सघन वन थे जो अब घटकर नौ प्रतिशत रह गए हैं, वहीं वनों की सघनता जो कि 0.8 थी, वो भी घटकर 0.3 रह गई है। भले ही देशवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मां के नाम पर एक पेड़” की अपील पर पौधे लगा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर अधिकारियों की औद्योगिक घरानों से मिलीभगत, अनदेखी एवं लापरवाही से प्रदेश में वन भूमि से 15 लाख से अधिक पुराने, विशालकाय हरे-भरे पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान की गई है।’

उन्होंने बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने के निर्णय को पर्यावरण की दृष्टि से घातक बताते हुए कहा कि यदि बड़ी संख्या में पोस्टकार्ड भेजने के बाद भी सरकार द्वारा वन भूमि में पॉवर प्लांट लगाने का निर्णय वापस नहीं लिया जाता है तो पेड़ों को कटने से बचाने के लिए न्यायालय की शरण ली जाएगी।

जाजू ने बताया कि 15 लाख पेड़ों पर करोड़ों पक्षियों एवं वन्यजीवों का बसेरा है, जो समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा विभागीय पौधारोपण में 10 प्रतिशत पौधे ही जीवित रह पाते हैं ऐसी स्थिति में लाखों की संख्या में पेड़ों को काटना प्रकृति की हत्या कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है। उन्होंने कहा कि पॉवर प्लांटो को सघन वन क्षेत्रों में लगाने के बजाय रिक्त भूमि में लगाया जाना चाहिए। जाजू ने बताया कि अभियान के तहत विद्यार्थियों एवं युवाओं से पोस्टकार्ड लिखवाकर प्रधानमंत्री को भेजे जाएंगे।

भीलवाड़ा में आयोजित इस अभियान की शुरुआत इन्टेक पदाधिकारी गुमान सिंह पीपाड़ा, दिलीप गोयल, ओम हिंगड़, देवेंद्र देराश्री, ओम सोनी, रामगोपाल अग्रवाल, विद्यासागर सुराणा, अब्बास अली बोहरा ने पोस्टकार्ड लिखकर की।



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