Uttarakhand
14 सालों से अल्मोड़ा-हल्द्वानी नेशनल हाईवे पर दरक रहीं पहाड़ी, गिरते पत्थरों से आफत में जान; यात्री परेशान
अल्मोड़ा-हल्द्वानी एनएच पर क्वारब की पहाड़ी से उपजी मुसीबत का जल्द समाधान हो सकता है। भू-वैज्ञानिकों ने प्रशासन को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। फिलहाल रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।
भू वैज्ञानिकों ने स्थलीय निरीक्षण में पाया कि क्वारब की पहाड़ी 2010 से दरक रही है। अब स्थिति और अधिक खराब हो गई है। टीम ने निरीक्षण के दौरान सेटेलाइट से पहाड़ी की फोटो ली हैं। इसके अलावा पानी के रिसाव की भी जानकारी जुटाई है।
सभी तथ्यों को देखते हुए जीएसआई डीपीआर तैयार करेगी। जीएसआई की डीपीआर के आधार पर ही पहाड़ी का उपचारात्मक कार्य शुरू किया जाएगा। क्वारब की पहाड़ी बीते एक पखवाड़े से मुसीबत का सबब बनी हुई है।
आए दिन पहाड़ी के दरकने से आवाजाही बाधित हो रही है। इससे लोग जाम में तो फंस ही रहे हैं, ऊपर से खतरा भी पैदा हो रहा है। तीन दिन पूर्व भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की टीम ने पहाड़ी का निरीक्षण किया था। टीम ने पाया कि पहाड़ी में गहरी दरारें पड़ गई हैं। दो दिन में टीम को रिपोर्ट डीएम को सौंपनी थी।
डीएम को रिपोर्ट दे दी गई है। जिसके आधार पर वैज्ञानिक प्रक्रिया के तहत पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जाएगा। प्रशासन, एनएच और टीएचडीसी की टीम रिपोर्ट के अध्ययन में जुट गई है। जीएसआई ने पहाड़ी के ट्रीटमेंट की डीपीआर बनाना शुरू दिया है।
गिर रहे बोल्डर-यात्री हो रहे परेशान
क्वारब की पहाड़ी से यात्रियों को शनिवार को भी राहत नहीं मिली। सुबह से ही रुक-रुक कर मलबे के साथ बोल्डरों के गिरने का सिलसिला जारी रहा। इससे आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग लंबे समय तक एनएच पर फंसे रहे। वहीं, अपराह्न तीन बजे पहाड़ी का बड़ा हिस्सा दरककर सड़क पर आ गया।
इससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई। प्रशासन की ओर से मौके पर पर तैनात दो जेसीबी मलबा हटाने के कार्य में जुटी रहीं, लेकिन ऊपर से गिर रहे पत्थर खतरे का सबब बने रहे। मशक्कत के बाद करीब सवा पांच बजे एनएच आवाजाही के लिए खोला जा सका।