Uttarakhand

100 साल से पहले पुलों के टूटने की क्या है असली वजह? एक्सपर्ट ने खोला राज

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सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के विशेष सचिव और महानिदेशक सड़क विकास धर्मेंद्र सारंगी ने कहा कि देश में सड़कों पर बनाए जाने वाले पुलों का डिजायन सौ साल के आधार पर तैयार किया जाता है। यदि कोई पुल उससे पहले टूट रहा है तो इसके पीछे जरूर कोई तकनीकी खामी है।

दून में स्टील सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रखरखाव पर आयोजित कार्यशाला के दौरान शनिवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में डी सारंगी ने कहा कि पुलों के निर्माण में तकनीकी सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में स्टील के अनेक पुल बनाए जा रहे हैं और इनमें से कई पुलों के निर्माण के दौरान तकनीकी खामी के मामले सामने आए हैं।

रुद्रप्रयाग के पास नरकोटा में एनएच पर बन रहा पुल हाल ही में क्षतिग्रस्त हुआ है। जबकि कलियासौड़ में निर्माणाधीन पुल में भी तकनीकी समस्या आई थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कार्यशाला आयोजित करने के पीछे मुख्य मकसद यही है कि पुलों के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके और ऐसे पुल बनाए जाएं जो लंबी अवधि तक सुरक्षित रह सकें।

तकनीकी बारीकियां सिखाई जाएंगी

धर्मेंद्र सारंगी ने कहा कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पुलों का निर्माण हो रहा है। इस कार्यशाला के दौरान इंजीनियरों को पुल निर्माण के तकनीकी पहुलुओं के बारे में बताया जाएगा ताकि पुल निर्माण के दौरान कोई समस्या पैदा न हो । उन्होंने कहा कि इंजीनियरों के लिए भी लगातार अपग्रेड हो रही तकनीकी से जुड़ा रहना जरूरी है ताकि इसका उपयोग पुलों व सड़कों के निर्माण में किया जा सके।

भारत में बन रहीं बेहतरीन सड़कें: टम्टा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि दुनिया में इस समय सबसे बेहतरीन सड़कें भारत में बन रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार डिफेंस के बाद सड़कों के निर्माण के लिए सबसे ज्यादा बजट दे रही है।

सड़कों के निर्माण में हर नई तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। शनिवार को केंद्रीय राज्य मंत्री ने आईएसबीटी के समीप स्थित एक होटल में स्टील सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रखरखाव पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि देश के विकास में सड़कों का अत्यधिक महत्व है।

इसीलिए केंद्र सरकार इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि देश की सीमा हो या फिर शहर, हर जगह रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय इस समय देश में डेढ़ लाख किमी सड़क के निर्माण का कार्य कर रहा है।



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