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Uttarakhand

हल्द्वानी की गृहणी बनी हजारों महिलाओं की रोजगारगाथा, मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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हल्द्वानी की गृहणी बनी हजारों महिलाओं की रोजगारगाथा, मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

हल्द्वानी: जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है — यह कहावत हल्द्वानी की रूबी भटनागर ने पूरी तरह सच कर दिखाई है। एक साधारण गृहणी से शुरू होकर, उन्होंने तीन हजार से अधिक महिलाओं को हस्तशिल्प और हथकरघा के क्षेत्र में स्वरोजगार से जोड़ा है। उनके इस उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत सरकार के कौशल एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।

रूबी भटनागर ने बताया कि वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं और ग्रेजुएट हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत जिला उद्योग केंद्र से 10 लाख रुपये का ऋण लिया। इस पूंजी से उन्होंने हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग की यूनिट स्थापित की और महिलाओं के लिए जूट बैग निर्माण की शुरुआत की।

रूबी ने महिला स्वयं सहायता समूहों से प्रशिक्षण लेकर खुद को कुशल उद्यमी बनाया। उन्होंने अपने नेटवर्क को नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों तक फैलाया। आज उनके साथ 3000 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो कपड़े, बंबू क्राफ्ट, सजावटी वस्तुएं, खिलौने और अन्य हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बना रही हैं।

इस समूह के माध्यम से रूबी न केवल प्रशिक्षण दे रही हैं, बल्कि निशुल्क सिलाई मशीन और अन्य उपकरण भी महिलाओं को उपलब्ध करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य महि



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