Uttarakhand

स्यानाचट्टी में बाढ़ का कहर, स्कूल जलमग्न, होटल डूबे; यमुनोत्री हाईवे पर मंडराया खतराl

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यमुना का जलस्तर बढ़ने से पहले यमुनोत्री हाईवे के पुल के ऊपर से पानी बहना शुरू हो गया और फिर यह पानी स्यानाचट्टी की पार्किंग की ओर भी फैल गया।

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी ज़िले के यमुनोत्री और गीठ क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी अस्थायी झील ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। झील का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि हाईस्कूल और जूनियर हाईस्कूल के भवन पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।

नदी किनारे स्थित GMVN गेस्ट हाउस और कई होटल भी अब आधे से अधिक पानी में डूब गए हैं। सोमवार को झील का जलस्तर बढ़ने के बाद यमुनोत्री हाईवे के पुल के ऊपर से पानी बहना शुरू हो गया, जो अब स्यानाचट्टी की पार्किंग और बाजार क्षेत्र तक फैल गया है। इससे दुकानों और घरों में रेत और कीचड़ जमा हो गया है।

स्कूल, शौचालय और होटल जलमग्न, पानी पहुंचा दूसरी मंजिल तक

तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण सरकारी स्कूल, शौचालय और आस-पास के होटल पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। गेस्ट हाउस और होटलों की दूसरी मंजिल तक पानी पहुंच गया है, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। लोग आशंकित हैं कि पानी अब उनके घरों और होटलों में दोनों ओर से प्रवेश कर सकता है।

यमुनोत्री हाईवे का पुल खतरे में, गीठ पट्टी के 12 गांवों का संपर्क टूटने की आशंका

झील के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के चलते यमुनोत्री हाईवे का पुल किसी भी वक्त टूट सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो गीठ क्षेत्र के 12 गांव मुख्यालय से पूरी तरह कट जाएंगे। यह स्थिति आपदा को और भयावह बना सकती है।

प्रशासन की कोशिशें नाकाफी, झील के मुहाने पर जमा हो रहा मलबा

प्रशासन ने झील के मुहाने से मलबा हटाने के लिए तीन मशीनें तैनात की हैं, लेकिन लगातार बारिश और भारी मलबे के कारण राहत कार्य बाधित हो रहा है। झील में बार-बार मलबा भरने से स्यानाचट्टी के पूरी तरह डूबने का खतरा बना हुआ है।

स्थानीय निवासियों और प्रशासन से अपील है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत विभाग से संपर्क करें।



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